असम, गुवाहाटी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप सभी ने बीते दशकों में एक लंबा समय बहुत मुश्किलों से गुजारा है। लेकिन 2014 के बाद उत्तर पूर्व में मुश्किलें लगातार कम हो रही हैं, लोगों का विकास हो रहा है। कार्बी आंगलोंग या दूसरे जनजातीय क्षेत्रों में हम विकास और विश्वास की नीति पर ही काम कर रहे हैं। आप जानते हैं कि मैंने आपकी समस्याओं को, इस क्षेत्र की दिक्कतों को आप ही के परिवार के एक सदस्य के रूप में, आप के ही एक भाई और बेटे की तरह समझने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि असम की स्थायी शांति और तेज विकास के लिए जो समझौता हुआ था, उसको जमीन पर उतारने का काम आज तेज गति से चल रहा है। हथियार छोड़कर जो साथी राष्ट्र निर्माण के लिए लौटे हैं, उसके पुनर्वास के लिए भी बेहतर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये सुखद संयोग है कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब हम इस धरती के महान सपूत लचित बोरफुकान की 400वीं जन्मजयंति भी मना रहे हैं। उनका जीवन राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रशक्ति की प्रेरणा है। कार्बी आंगलोंग से देश के इस महान नायक को मैं नमन करता हूं। उनका कहना है भाजपा की डबल इंजन की सरकार जहां भी हो, वहां सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम करते हैं।
आज ये संकल्प कार्बी आंगलोंग की धरती पर फिर से सशक्त हुआ है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने कार्बी आंगलोंग में मांजा पशु चिकित्सा महाविद्यालय, वेस्ट कार्बी आंगलोंग कृषि महाविद्यालय, अम्पानी वेस्ट कार्बी आंगलोंग गवर्नमेंट कॉलेज सहित कई योजनाओं की आधारशिला रखी। इसके बाद वे डिब्रूगढ़ में 7 हाईटेक कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इन स्टेट ऑफ द आर्ट कैंसर सेंटर्स के उद्घाटन से पहले उद्योगपति रतन टाटा ने अपनी बात रखी। टाटा इस मौके पर बेहद भावुक नजर आए। उन्होंने पहले तो हिंदी में न बोल पाने के लिए माफी मांगी। फिर कहा कि मैं अपनी जिदंगी के आखिरी साल स्वास्थ्य को समर्पित करता हूं।
असम को ऐसा राज्य बनाएं जो सबको पहचाने और जिसको सब पहचानें। इस अवसर पर मोदी के अलावा मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री डिब्रूगढ़ के खनिकर मैदान में एक कार्यक्रम के दौरान मोदी ने असम के 7 नए कैंसर अस्पतालों की आधारशिला भी रखी। इस मौके पर पीएम ने कहा कि असम ही नहीं नॉर्थ ईस्ट में कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या रही है। इससे सबसे अधिक प्रभावित हमारा गरीब होता है, मध्यम वर्ग का परिवार होता है। कैंसर के इलाज के लिए कुछ साल पहले तक यहां के मरीजों को बड़े-बड़े शहरों में जाना पड़ता था। इससे एक बहुत बड़ा आर्थिक बोझ गरीब और मिडिल क्लास परिवारों पर पड़ता था। गरीब और मिडिल क्लास की इस परेशानी को दूर करने के लिए बीते 5-6 सालों से जो कदम यहां उठाए गए हैं।