असम, गुवाहाटी : पूर्वोत्तर के असम और अरुणाचल प्रदेश में काफी लंबे समय से सीमा मुद्दे को लेकर विवाद चल रहा है। ऐसे में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने कल अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू से मुलाकात की और घोषणा की कि दोनों पूर्वोत्तर राज्य लंबे समय से जारी सीमा विवादों को समयबद्ध तरीके से हल करने के लिए जिला स्तरीय समितियां बनाएंगे। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर उन्होंने कहा कि सीमा मुद्दे को लेकर दोनों राज्यों के बीच मुख्यमंत्री स्तर की यह दूसरी बैठक है। उन्होंने कहा हमने समयबद्ध तरीके से इस मुद्दे को हल करने के लिए दोनों राज्यों में जिला स्तरीय समितियां गठित करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा जिला समितियां दोनों राज्यों के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, जातीयता, निकटता, लोगों की इच्छा और प्रशासनिक सुविधा के आधार पर लंबे समय से लंबित मुद्दों के ठोस समाधान खोजने के लिए विवादित क्षेत्रों में संयुक्त सर्वेक्षण करेगी। उन्होंने कहा कि बैठक में समितियों के संदर्भ की शर्तों को भी अंतिम रूप दिया गया। बैठक में असम के सीमा क्षेत्र विकास मंत्री अतुल बोरा और दोनों राज्यों के मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। गौरतलब है कि असम और अरुणाचल प्रदेश 804.1 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं और इसके साथ विवाद के 1,200 बिंदु हैं। वहीं दूसरी ओर इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए असम के राष्ट्रीय स्तर के मानव अधिकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दिव्यज्योति सैकिया ने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों के बीच सीमा समस्या कोई नई बात नहीं है।
मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के साथ असम से विभक्त होने के बाद भी स्थाई समाधान नहीं हो पाया। उन्होंने भी एक समय इस आपसी झगड़ों के गवाह रहे हैं और सरकार तथा प्रशासन के साथ मिलकर स्थानीय स्तर पर कई कदम उठाने में मदद की थी। हालांकि समस्या के समाधान न होने की वजह से अक्सर कई बार स्थिति विकराल रूप ले लेती थी। अब जबकि असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने खुद आगे बढ़कर समस्या के समाधान की दिशा में सकारात्मक कदम उठाया है। ऐसे में उनके सकारात्मक पहल का वे स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि लंबे समय से चल रहा है विवाद का जल्द ही निष्पादन हो जाएगा।