असम, गुवाहाटी : असम सरकार के अवहेलना के कारण ही राज्य में अंधविश्वास एवं जादू टोना जैसे कुरीतियों के शिकंजे में लोग फंस रहे हैं और अपनी जान भी गांव आ रहे हैं। यह आरोप असम के राष्ट्रीय स्तर के मानव अधिकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दिव्यज्योति सैकिया ने लगाया है। उनका कहना था कि सरकार अगर गंभीर होकर कदम उठाती तो शायद इस तरह की दुर्भाग्यजनक घटनाएं सामने नहीं आती। गौरतलब है कि असम में आदिवासी शख्स की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
इस मामले में अब तक 6 लोगों को हिरासत में लिया गया है। ये घटना असम के बाक्सा जिले की है, जहां ग्रामीणों के समूह ने एक 50 साल के आदिवासी शख्स को कथित तौर पर बेरहमी से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। गुवाहाटी से 79 किलोमीटर दूर तामुलपुर के पास कुमारिकाटा पुलिस चौकी के अंतर्गत बोगोरीबाड़ी गांव मे हुई है। पुलिस को शक है कि यह जादू टोना से जुड़ा मामला है। इस मामले में पूछताछ के लिए अब तक 6 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। पुलिस के मुताबिक ग्रामीणों ने एक बैठक की और शख्स पर जादू टोना करने का आरोप लगाया। इसके बाद ग्रामीणों के एक समूह ने कथित तौर पर उस शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
इतना ही नहीं ग्रामीणों ने मौके पर पहुंची पुलिस टीम पर भी हमला किया। घटना के बाद पीड़ित को सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। तामुलपुर सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर असीमा कलिता ने बताया कि पुलिस ने अब तक पांच लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक की पत्नी की ओर से दी गई तहरीर के बाद मामला दर्ज किया गया है। हमने इस मामले में अब तक पांच लोगों को हिरासत में लिया है। हमें शक है कि यह जादू टोना का मामला है।
इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है। मृतक के एक रिश्तेदार ने कहा कि ग्रामीणों ने जादू टोने के शक में उसकी हत्या कर दी। रिश्तेदार ने कहा कि ग्रामीणों ने उनके घर में भी तोड़फोड़ की। उल्लेखनीय है कि डॉ. दिव्यज्योति सैकिया के नेतृत्व में वर्ष 2008 से सामाजिक संगठन ब्रदर्स के जरिए अंधविश्वास और जादू टोना को मिटाने के लिए अथक प्रयास के बाद घटनाओं में कमी आई थी, लेकिन वर्तमान डिजिटल युग में एक बार घटनाएं पुनः घट रही है। दूसरी ओर उनके नेतृत्व में एक सख्त कानून बनाने की मांग को लेकर एक लंबा आंदोलन चला। उनके इसी संघर्ष के बदौलत जादू टोना पर अंकुश लगाने के लिए वर्ष 2015 में असम विधानसभा में एक विधेयक पारित किया गया।
इस विधेयक को 2018 में राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दी। राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद असम विच हंटिंग (निषेध, रोकथाम और संरक्षण) विधेयक अब एक अधिनियम है। डॉ. दिव्यज्योति सैकिया का कहना है कि लेकिन असम सरकार के उचित जागरूकता की कमी के कारण जादू टोना के नाम पर हत्याओं का दौर जारी है।