गुवाहाटी: इस्लाम धर्मावलंबियों का सबसे बड़ा त्यौहार ईद उल फितर 14 मई को मनाया जाएगा। आज चांद नहीं दिखा। ऐसे में कल चांद का दीदार करने के बाद अगले दिन ईद-उल- फितर की नमाज अता की जाएगी।
गौरतलब है कि कल कल पाक ए रमजान का आखिरी दिन होगा। इस बात की पुष्टि करते हुए केंद्रीय हिलाल कमेटी की प्रदेश इकाई ने बताया कि आज असम या देश के अन्य किसी हिस्से में चांद का दीदार नहीं हो पाया। संगठन के अध्यक्ष सदर ए काजी फखरुद्दीन अहमद कासमी ने बताया कि इस साल 30 रोजे पूरे होंगे। उन्होंने सरकार की दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए ईद की नमाज घर में ही अता करने की अपील की।
ईद के दिन लोग नमाज अता करने के साथ ही एक- दूसरे को ईदी बांटते हैं, सेवइयां खिलाते हैं, गले मिलते हैं। इसके अलावा लोग अपनों को ईद की मुबारिकबाद भी देते हैं। इस मौके पर फितरा और जकात का बहुत महत्व है। जकात को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना गया है। कासमी ने कहा कि वर्तमान कोरोना महामारी को देखते हुए हमें घर में ही नमाज पढ़नी चाहिए। सरकार ने भी कल से सभी धार्मिक स्थलों को 15 दिनों के लिए बंद रखने की घोषणा की है। ऐसे में हमें मस्जिद या ईदगाह के बजाय घर के अंदर ही परिवार के साथ इबादत करनी चाहिए।