उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अकील अहमद को पार्टी विरोधी गतिविधि में लिप्त होने का हवाला देते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। प्रदेश महासचिव की तरफ से लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान अकील अहमद लगातार इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया के जरिए पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे, जो उनके पद की गरिमा के अनुकूल नहीं था। अनर्गल बयानबाजी से पार्टी की छवि धूमिल हुई है। आप को पहले भी संगठन द्वारा अनर्गल बयानबाजी के संबंध में 8 फरवरी 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। लेकिन सार्वजनिक तौर पर आप पार्टी के खिलाफ बोलते रहे, जिसका संज्ञान केंद्रीय नेतृत्व लिया गया। जांच के उपरांत आप के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
जानकार कहते हैं कि जिस तरह से टिकट बंटवारे के समय नाराजगी देखी गई उसका असर भी चुनावी नतीजों पर पड़ा। कांग्रेस भले ही सब कुछ पारदर्शी होने का दावा करती हो, कार्यकर्ता उसकी पोल खोलते नजर आते हैं। कार्यकर्ताओं ने कहा कि ऐसे उम्मीदवारों को मौका दिया गया जिनकी छवि जनता में अच्छा नहीं थी। इसके साथ ही संगठन के स्तर कांग्रेस की कमजोरी साफ नजर आई।