नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। राष्ट्र के नाम संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी।
उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए। आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है। ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है। आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे। इसके साथ ही मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है।
उन्होंने कहा कि किसानों का कानूनों को समझाने का भरपूरा प्रयास किया गया, अनेक माध्यमों से। लेकिन वह समझ नहीं पाए। उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की। गौरतलब है कि तीनों नए कृषि कानून 17 सितंबर 2020 को संसद से पारित कराया गया था।
इसके बाद से लगातार किसान संगठनों की तरफ से विरोध कर इन कानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही थी। किसान संगठनों का तर्क था कि इस कानून के जरिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म कर देगी और उन्हें उद्योगपतियों के रहमोकरम पर छोड़ देगी। जबकि, सरकार का तर्क था कि इन कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र में नए निवेश का अवसर पैदा होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बाद भी इस पर सहमति नहीं बन पाई। किसान दिल्ली की सीमाओं के आसपास आंदोलन पर बैठकर इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।