असम, कछार: असम-मिजोरम सीमा संघर्ष क्रमशः जटिल हो गया है। असम पुलिस और मिजो उपद्रवियों के बीच हुई गोलीबारी की घटना में असम पुलिस के 6 जवान शहीद हो गए हैं और वर्तमान तक 65 लोग जख्मी हुए हैं । इनमें 45 पुलिस कर्मियों का इलाज सिलचर चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (एसएमसीएच) में चल रहा है।
घायलों में कछार के पुलिस अधीक्षक आईपीएस वैभव सी निंबालकर और ढोलई के पुलिस प्रभारी भी शामिल है। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि जवानों की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी। मुख्यमंत्री ने आगे दोहराया कि असम हमारे राज्य की सीमाओं के बीच यथास्थिति और शांति बनाए रखेगा।
कछार जिले के लैलापुर इलाके में दोनों पक्षों के सीमा विवाद के कारण मुख्यमंत्री ने भी जरूरत पड़ने पर चर्चा के लिए राजधानी आइजोल जाने की इच्छा व्यक्त की। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर उन्होंने लिखा कि मैंने अभी-अभी मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा से बात की है। मैंने दोहराया है कि असम हमारे राज्य की सीमाओं के बीच यथास्थिति और शांति बनाए रखेगा।
मैंने आइजोल का दौरा करने और जरूरत पड़ने पर इन मुद्दों पर चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की है। इसका जवाब देते हुए मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने कहा कि जैसा कि चर्चा है, मैं कृपया आग्रह करता हूं कि असम पुलिस को नागरिकों की सुरक्षा के लिए वैरेंगटे से हटने का निर्देश दिया जाए। इससे पहले दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच ट्विटर वार छिड़ गया था।
दोनों मुख्यमंत्रियों ने अपने ट्वीट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह को भी टैग किया था। इस बीच प्रदेश कांग्रेस ने मिजोरम-असम सीमा पर असम राज्य पुलिस कर्मियों पर गोलीबारी की कड़ी निंदा की। पार्टी के मीडिया विभाग की अध्यक्ष बबीता शर्मा ने कछार एसपी के घायल होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। हम हमले की निंदा करते हैं।
उधर असम के राष्ट्रीय स्तर के मानवाधिकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दिव्यज्योति सैकिया ने असम और मिजोरम सीमा पर असम राज्य पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कछार के पुलिस अधीक्षक वैभव सी निंबालकर के जल्द स्वास्थ्य होने की कामना की है।
पुलिस अधीक्षक पर जिस तरह से हमला किया गया वह भी घोर निंदनीय है। केंद्र और राज्य सरकार को इस दिशा में कड़े कदम उठाने चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पूर्वोत्तर से प्रस्थान के बमुश्किल एक दिन बाद जिस तरह की घटना देखने को मिली वह सरकार की नाकामी को ही दर्शाता है।
उससे भी बड़ी दुर्भाग्यजनक बात यह है कि एक ही पार्टी के मुख्यमंत्रियों जैसे जिम्मेदार व्यक्ति ट्विटर हैंडल पर एक-दूसरे के साथ खुले तौर पर बहस कर रहे हैं और उन्होंने गृह मंत्री और प्रधान मंत्री को भी टैग किया है। उन्होंने सरकार से यह आश्वासन भी मांगा कि वे सार्थक नीतियां अपनाकर आपसी विवादों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाएं। उनका तर्क है कि राज्यों और केंद्र दोनों में भाजपा सरकार की ओर से मुद्दों पर कोई स्पष्टता नहीं है।
अनिश्चितता का माहौल मामलों को और जटिल करेगा। उन्होंने कहा कि हम इस कृत्य की निंदा करते हैं और दोनों राज्यों की सरकारों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि आम लोगों को उनके ढीले रवैये का खामियाजा नहीं भुगतना चाहिए। हम सीमा मुद्दे के समाधान पर भाजपा सरकार से स्पष्ट संदेश देने की मांग करते हैं।