नयी दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष ज्यां-ईव ल द्रियां से बात करने के बाद कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच सहयोग का बड़ा महत्व है। भारत और फ्रांस पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों की पृष्ठभूमि में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे हैं।
जयशंकर ने ट्वीट किया कि फ्रांस के विदेश मंत्री जे वाई ल द्रियां से बात करके खुशी हुई। हम मानते हैं कि 2021 की हमारी उपलब्धियां 2022 के लिए एक मजबूत आधार हैं। यूरोपीय संघ की फ्रांस की अध्यक्षता हमारे रणनीतिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण आयाम जोड़ती है। ल द्रियां के साथ टेलीफोन पर बातचीत के बाद उन्होंने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर हमारे सहयोग का बड़ा महत्व है।
फ्रांस यूरोपीय संघ की छह महीने के लिए अध्यक्षता कर रहा है। फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने पिछले महीने भारत की यात्रा के दौरान कहा था कि चीन हिंद प्रशांत और दक्षिण चीन सागर में अधिक से अधिक आक्रामक हो रहा है, ऐसे में इस क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता और अंतर्राष्ट्रीय नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। रक्षा और सुरक्षा, असैन्य परमाणु सहयोग और व्यापार एवं निवेश के क्षेत्र भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभ हैं। इसके अलावा भारत और फ्रांस सहयोग के नये क्षेत्रों, जैसे हिंद महासागर क्षेत्र, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास में भी एक-दूसरे से जुड़े हैं।
पिछले कुछ दिनों में जयशंकर ने अमेरिका, रूस, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात और नाइजीरिया के अपने समकक्षों से बात की है। उन्होंने मिस्र, इस्राइल, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मालदीव, जाब से वापस लौट आए थे। केंद्रीय भूटान और ईरान के विदेश मंत्रियों से त्री सोनोवाल ने आरोप लगाया कांग्रेस भी बात की।