नई दिल्ली : केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर उत्पादक शुल्क घटा कर आम लोगों को महंगाई से राहत देने की तैयारी कर रही है। पेट्रो पदार्थों के साथ रसोई गैस की कीमत को नियंत्रित करने के लिए सरकार में उच्च स्तर पर माथापच्ची जारी है। खासतौर पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पादक शुल्क कम करने को ले कर वित्त मंत्रालय और पेट्रोलियम मंत्रालय के बीच दो दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि सरकार अंतिम निर्णय लेने से पहले अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति को भी भांपना चाहती है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक कवायद पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के कारण बढ़ी महंगाई से सामान्य लोगों को राहत देने की है। इसके तहत पहला फार्मूला केंद्र की ओर से इस पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कमी करने के साथ राज्यों से भी सहयोग करने की अपील करने की है। जबकि दूसरा फार्मूला इंतजार करने की है। बीते चार-पांच दिनों में कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। इसके कारण इनकी कीमतें स्थिर हैं। दो दौर की बातचीत पूरी अब तक हुई दो दौर की बातचीत में यह तय करने की कोशिश हो रही है कि उत्पाद शुल्क में कितनी कमी की जाए। गौरतलब है कि बीते साल नवंबर महीने में जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ीं तो सरकार ने पेट्रोल पर पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल पर दस रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क में कटौती की थी। इस समय सरकार पेट्रोल पर 27.90 रुपये और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क के रूप में वसूल रही है।