असम, गुवाहाटी: मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार जनभागीदारी से नव असम का निर्माण करेगी। सरकार की सफलता जनभागीदारी पर ही निर्भर है।
इसलिए हम सबको साथ लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं। जनता से हमने जो भी वादे किये हैं उसे अक्षरसः पालन करेंगे। असम विधानसभा के सत्र के अंतिम दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर हुए चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य का विकास तभी संभव है, जब यहां स्थायी शांति हो। इसलिए हमारी सरकार ने अल्फा (स्वाधीन) के प्रमुख परेश बरुवा से शांतिवार्ता में शामिल होने की अपील करते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछल चार दशकों में राज्य में व्यापक परिवर्तन हुआ है। पुराने लोगों के जगहों पर नये लोग आये हैं, अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ी को हम क्या देना चाहते हैं। उनका कहना था कि हमारे लिए जननी और जन्मभूमि सर्वोपरि है और हमारा लक्ष्य भी इसकी सेवा करना है। उन्होंने कहा कि हम जिस जनादेश के साथ सत्ता में आये हैं उसे हर हाल में पूरा करेंगे।
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के पुनर्निरीक्षण के मुद्दे पर हमने चुनाव लड़ा और जीते भी। ऐसे में हम इस प्रसंग को विपक्ष की मांग के कारण रद्द नहीं कर सकते। जनता को बाढ़मुक्त असम देने का हमने वादा किया है और इस वादे को पूरा करने के लिए ब्रह्मपुत्र के सहायक नदियों का खनन हम करेंगे। बात युवाओं को रोजगार देने का हो या फिर ऋण माफी का।
हम उसे पूरा करने से पीछे नहीं हटेंगे। इससे पहले चर्चा की शुरुआत प्रशांत फुकन ने की। चर्चा में भुवन पेगु, देवब्रत सैकिया, रफिकुल इस्लाम, रमेंद्र नारायण कलिता, पद्म हजारिका, मृणाल सैकिया, भरत नरह, जयंत मल्ल बरुवा, गोविंद बसुमतारी, दुर्गादास बोड़ो, रकिबुल हुसैन, अमिनुल इस्लाम, मनोरंजन तालुकदार, नंदिता गारलोसा, प्रदीप हजारिका, लॉरेंस इस्लारी, कृष्णनंदी पाल, कमलक्ष्य देवपुरकायस्थ एवं करीमुद्दीन बरभुइयां ने भाग लिया।