असम, गुवाहाटी: असम विधानसभा सत्र के आज दूसरे दिन राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी ने अभिभाषण बिना किसी हंगामे के पढ़ा । विपक्षी सदस्यों ने अभिभाषण के दौरान कोई व्यवधान नहीं डाला, जिसकी वजह से राज्यपाल शांतिपूर्ण ढंग से अपना भाषण पढ़ पाये। हालांकि सदन के लिए यह बेहद दुर्लभ दृश्य था।
अमूमन ऐसा नहीं देखा जाता। विपक्ष हमेशा से ही राज्यपाल के अभिभाषण को पढ़ते समय न केवल टोका टाकी करता है बल्कि हंगामा भी करता है। विपक्ष अपनी ओर से आपत्ति दर्ज कराते हुए कहता है कि इसमें सरकार की कोई सकारात्मक दृष्टिकोण नहीं होता। अक्सर राज्यपाल अपने अभिभाषण में राज्य के वास्तविक मुद्दों को उजागर करने में विफल होते हैं।
हालांकि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने विपक्ष से आज अभिभाषण के दौरान सहयोग करने की अपील की थी। यही कारण है कि विपक्ष के बिना किसी व्यवधान के राज्यपाल ने अपना अभिभाषण समाप्त किया। अभिभाषण समाप्त होने के बाद कांग्रेस विधायक दल के उपनेता रकिबुल हुसैन ने कहा हम सदन में गरिमापूर्ण विपक्ष की भूमिका निभाते रहेंगे, यह मुख्यमंत्री को हमारा आश्वासन था।
हम सरकार के साथ सहयोग करना चाहते हैं और सरकार से भी यही उम्मीद करते हैं। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने विपक्ष को धन्यवाद दिया और उनसे मजबूत विपक्ष के लिए सभी संसदीय उपकरणों का इस्तेमाल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सभा स्थगन का प्रस्ताव के खारिज करने का अर्थ यह नहीं कि हम विपक्ष के खिलाफ है।
सत्तापक्ष भी इसे अपने अहम का मुद्दा नहीं बनने देगा। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही आज जिस तरह शांतिपूर्ण ढंग से शुरुआत हुई है, उम्मीद करते हैं की भविष्य में भी इसी तरह का सहयोग विपक्ष से मिलेगा। यह स्वस्थ लोकतंत्र की दिशा में एक कदम है। सरकार भी विपक्ष को अपने साथ लेकर आगे बढ़ेगी।
इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी ने सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सत्तापक्ष एवं विपक्ष के सहयोग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सदन की गरिमा को बरकरार रखने में मददगार साबित होगा।