गुजरात, अहमदाबाद : गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने चुनाव से एक साल पहले अचानक इस्तीफा दे दिया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी में समय के साथ दायित्व बदलते रहते हैं। भाजपा में यह स्वभाविक प्रक्रिया है। मुझे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली, जो मैंने पूरी की है। अब जो भी नई जिम्मेदारी मिलेगी, उसका निर्वहन करूंगा।
माना जा रहा है कि इस बदलाव के पीछे अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव है। मुख्यमंत्री बदलने से जनता की नाराजगी को कम किया जा सकेगा और उसे कुछ उम्मीदें जागेंगी। इससे अगला चुनाव जीतने में मदद मिलेगी।भाजपा ने गांधीनगर में कल विधायक दल की बैठक बुलाई है, इसमें नया मुख्यमंत्री चुना जा सकता है।
नए मुख्यमंत्री की रेस में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल और गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल के नाम शामिल हैं। इनमें मंडाविया सबसे आगे बताए जा रहे हैं। गौरतलब है कि रुपाणी ने 26 दिसंबर 2017 को दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। भाजपा ने गुजरात में 182 सीटों में से 99 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था।
विधानमंडल दल की बैठक में रुपाणी को विधायक दल का नेता और नितिन पटेल को उपनेता चुना गया था। भले ही मुख्यमंत्री ने आज अपना इस्तीफा दिया हो लेकिन नेतृत्व में बदलाव को लेकर काफी दिनों से मंथन चल रहा था। यहां उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि विजय रुपाणी भाजपा शासित राज्यों में इस्तीफा देने वाले 3 महीने में चौथे मुख्यमंत्री बन गए है।
जुलाई में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बदला गया था। फिर जुलाई में ही उत्तराखंड में दो बार मुख्यमंत्री बदले गए। पहले त्रिवेंद्र रावत की जगह तीरथ सिंह को और फिर उनकी जगह पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंप दी गई।