हरियाणा, चंडीगढ़ : हत्या के मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा के खिलाफ दो व्यक्तियों की अपील को मंजूर करते हुए सजा का आदेश रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अदालतों को संवेदनशील होने और अनुमान के आधार पर दोषी करार देने से बचना चाहिए। जय करण और राम करण ने सोनीपत की ट्रायल कोर्ट द्वारा हत्या के मामले में दोषी करार देने और उम्रकैद की सजा के आदेश को चुनौती दी थी। दोनों पर जयकरण की पत्नी सीमा की हत्या की एफआईआर दर्ज की गई थी। मृतका सीमा के भाई मुनीराम ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया था कि उसकी बहन का विवाह 2008 में हुआ था। विवाह के बाद से ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था। फरवरी 2014 में उसकी बहन को जलाकर उसकी हत्या कर दी गई थी। ट्रायल कोर्ट ने सितंबर 2015 को जय करण और राम करण को हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ दोनों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि हत्या के मामले में किसी को दोषी साबित करने के लिए तथ्यों को साबित करना बेहद जरूरी है। यदि तथ्य और पर्याप्त सबूत नहीं है तो किसी को हत्या का दोषी नहीं साबित किया जा सकता।
रिश्वत लेते तीन गिरफ्तार
हिमाचल प्रदेश, कुल्लू : विजिलेंस ने कुल्लू में खाद्य सुरक्षा विभाग के कार्यालय में दबिश देकर सहायक आयुक्त व खाद्य...
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