हिमाचल प्रदेश, शिमला : हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों की बैठकों की कार्यवाही में अब अधिकारियों के नाम या पदनामों का उल्लेख नहीं होगा। प्रशासनिक सुधार विभाग ने निष्पक्षता और एकरूपता सुनिश्चित करने को इस बाबत नए निर्देश जारी किए हैं। नाम और पदनामों के उल्लेख से उत्पन्न होने वाले किसी भी संभावित हितों के टकराव को रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है। दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होने पर अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रति चेताया गया है।सरकार ने सक्षम प्राधिकारियों की ओर से लिए गए निर्णयों की रिकॉर्डिंग और संदर्भ देने में मानकीकरण और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नए निर्देश जारी किए हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि देखा गया है कि आधिकारिक दस्तावेजों विशेष रूप से बैठक के मिनट और कार्यवाही में अक्सर अधिकारियों के नाम और पदनाम का उल्लेख किया जाता है, जिससे पक्षपात या असंगतता हो सकती है। इस चिंता को दूर करने और सरकारी कामकाज के लिए एक समान दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए, नए दिशा-निर्देशों में सिफारिश की गई है कि आधिकारिक रिकॉर्ड और बैठक के मिनटों में निर्णयों में शामिल अधिकारियों के विशिष्ट नाम या पदनाम का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए। इसके बजाय नाम या पद से व्यक्तियों की पहचान किए बिना सक्षम प्राधिकारी के साथ हुई बैठक या चर्चा का संदर्भ दिया जाना चाहिए।
रियान पराग 3 मैचों के लिए होंगे कप्तान
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