असम, गुवाहाटी: असम कांग्रेस के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा ने मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जिस तरह से विधायक के एवं शक्तियों को बलपूर्वक कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं, उससे उनकी फासीवादी मानसिकता का पता चलता है।
लोकतंत्र में एक व्यक्ति कभी भी इस तरह का आचरण नहीं कर सकता जब तक की उसके पास हिटलर और मुसोलिनी के समान फासीवादी डीएनए न हो। उनके अलोकतांत्रिक तौर-तरीकों को देखकर यह कहना शायद अतिशयोक्ति नहीं होगी कि उनका तथा हिटलर और मुसोलिनी का डीएनए एक ही है।
गुवाहाटी के पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि जब कोई व्यक्ति अहंकारी और तानाशाह हो जाता है तो वह जनता को गुमराह करने के लिए इतिहास की गलत व्याख्या करने में अपनी शक्ति का प्रयोग करने की कोशिश करता है। कुछ समय पहले उन्होंने टिप्पणी की थी कि जनसंघ के संस्थापक और हिंदुत्व राष्ट्रवादी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) के साथ असम के समूह को रोकने में स्व. गोपीनाथ बरदलै का समर्थन किया था।
जहां तक ऐतिहासिक तथ्यों की बात है तो इसमें उनकी कोई भूमिका का जिक्र नहीं है। मुख्यमंत्री मुखर्जी को श्रेय देने की कोशिश कर गोपीनाथ का अपमान कर रहे हैं। ऐसा बयान देकर मुख्यमंत्री संविधान की मर्यादा का भी ख्याल नहीं रख रहे हैं। इससे पहले भी उन्होंने मरियानी से कांग्रेसी विधायक रूपज्योति कुर्मी के भाजपा में शामिल होने के बाद कहा था कि सभी विपक्षी विधायकों को भाजपा का दामन थामने की हिदायत दी थी। हिमंत ने कहा था कि आप लोग पांच वर्षों तक विपक्ष में बैठ कर क्या करेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी टिप्पणी की थी कि विधायकों का काम विधानसभा में कानून बनाना भर है। उनके विधानसभा क्षेत्र की उन्नति का काम संबंधित मंत्रियों का होता है। इसकी कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक शास्त्र में मास्टर डिग्री और पीएचडी करने वाले किसी व्यक्ति से इस तरह के बयान की अपेक्षा नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि विधायक के पास विधायी एवं वित्तीय दोनों अधिकार होते हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री के उस बयान की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कोई अपराधी भागने की कोशिश करें तो पुलिस उसके पैरों पर गोली चला सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के वक्तव्य से राज्य में अराजकता फैल सकती है। मुख्यमंत्री ऐसा करके एक गलत परिपाटी शुरू कर रहे हैं।