हावड़ा, बंगाल:मां काली की पूजा के 100 वर्ष होने से 2 साल पहले ही कालीमूर्ति ने कर दिया चमत्कार ! भाईफोंटा के दिन पूजा-अर्चना के बाद कालीमूर्ति का विर्सजन होना था लेकिन जैसे ही पूजा कमेटी के लोगों ने मूर्ति को उठाने की कोशिश की तो मूर्ति का वेदी काफी भाड़ी हो गया। मूर्ति का उठाना असंभव हो गया। ऐसी स्थिति में अचानक एक महिला के सिर मां काली प्रकट हो गयीं। उस महिला ने कहा, मैं काली माता हूं। मेरी मूर्ति को विर्सजित मत करो। मैं यहीं रहूंगी। यहां मंदिर निर्माण कर मुझे स्थापित करो। माता के इस चमत्कार के सामने पूजा कमेटी से लेकर स्थानिय लोगों का भक्तिभाव से सिर झूक गया।मूर्ति का विर्सजन रोक कर यहां काली मां के नाम पर मंदिर निर्णाण का कार्य भी शुरू हो चुका है। इस बीच जंगल की आग की तरह कानोंकान यह खबर फैल गयी है। चमत्कारी कालीमूर्ति के दर्शन के लिए मध्य हावड़ा के हेम चक्रवर्ती लेन स्थित देशप्राण संघ (क्लब) के सामने लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है। सुबह-शाम पूजा-अर्चना भी शुरू हो गयी है।क्लब से सचिव शुभोदीप दास ने बताया कि भाईफोंटा के दिन कालीमूर्ति विर्सजित करने की बात थी। इसी मुताबाकि सभी तैयारियां भी हो चुकी थीं लेकिन जैसे ही क्लब और स्थानीय लोगों ने मू्र्ति को उठाने की कोशिश की तो उसका वेदी काफी भाड़ी हो गयी। मूर्ति को उठाना अंसभव हो गया। ऐसी स्थिति में एक महिला के सिर मां काली प्रकट हो गयी। उन्होंने आदेश दिया कि उनकी मूर्ति को विर्सजित न किया जाये। उन्हें यहीं स्थापित किया जाये। माता ने मंदिर निर्माण का आदेश भी दिया। उसे मुताबिक काली मां के नाम पर यहां मंदिर निर्माण का कार्य भी शुरू हो गयी है। अगर सब कुछ ठिक रहा तो 12 दिसंबर या 1 जनवरी को मां काली के मंदिर का द्वार भक्तों के लिए खोल दिया जायेगा।दूसरी ओर, मीडिया के माध्यम से यह खबर मिलने के बाद भारतीय विज्ञान व युक्तिवादी समिति के महासचिव मनीष रायचौधरी अपने एक प्रतिनिधि दल के साथ मध्य हावड़ा के हेम चक्रवर्ती लेन स्थित देशप्राण संघ पहुंचे। वाइक में मां काली की मूर्ति इतना भाड़ी हो गयी थी कि उसे उठाकर विर्सजित करना संभव नहीं हुआ ? दमकल भी कुछ नहीं कर पाया ? एक महिला के सिर मां काली आयी थीं ? ऐसे प्रश्नों का तार्किक उत्तर ढूंढने की कोशिश की। युक्तिवादियों ने स्थानीय लोगों से लेकर क्लब के कार्यकर्ताओं से बातचीत की। जांच-पड़ताल में पता चला कि सिर्फ मंदिर स्थापित करने के लिए कालीमूर्ति को लेकर धार्मिक और चमत्कारी अफवाह फैलायी गयी है। इसके चलते लोगों की भीड़ उमड़ रही है। यह भी पता चला कि एक नहीं बल्कि यहां माता के दर्शन के लिए आने वालीं कई महिलाओं के सिर माता प्रकट हुई थीं ।युक्तिवादी समिति के महासचिव मनीष रायचौधरी ने कहा, कोई भी अपने क्षेत्र में मंदिर बनवा सकता है। लेकिन इस प्रकार चमत्कारों की झूठी कहानियां फैलाना अनुचित है। अगर पुलिस, प्रशासन क्लब अनुमति और साथ दे तो समिति के सदस्य मूर्ति विर्सजन की जिम्मेदारी ले सकते हैं। उन्होंने कहा, यदि एक के बाद एक महिला या पुरुष के सिर माता के आने की घटना सामूहिक हिस्टिरिया में बदल जाती है तो इसकी जिम्मेदारी क्लब अधिकारी या प्रशासन पर होगी। इसलिए ऐसी धार्मिक और चमत्कारी अफवाह बंद करने की मांग पर समिति की ओर से बैंटरा थाना, जिला शासक और जिला पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा गया है।
79.23 प्रतिशत मतदान
असम, गुवाहाटी : असम में पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में 79.23 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। एक अधिकारी ने...
Read more