नई दिल्ली : भारतीय लेखिका गीतांजलि श्री के हिंदी उपन्यास रेत समाधि के अंग्रेजी अनुवाद टॉम्ब ऑफ सैंड को इस साल का बुकर पुरस्कार मिला है। अमेरिकन लेखक पेंटर डेज़ी रॉकवेल ने टॉम्ब ऑफ सैंड के नाम से इस उपन्यास का अंग्रेजी में अनुवाद किया। इस पुरस्कार के लिए 50 हजार पाउंड (63 हजार डॉलर) की राशि दी गई है, जो दोनों में समान रूप से बंटेगी। यह उपन्यास दुनिया की उन 13 पुस्तकों में शामिल था, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की सूची में शामिल किया गया था। टॉम्ब ऑफ सैंड बुकर जीतने वाली हिंदी भाषा की पहली किताब है। साथ ही किसी भी भारतीय भाषा में अवॉर्ड जीतने वाली पहली किताब भी है।
इस पुरस्कार को जीतने के बाद उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की गीतांजलि श्री ने कहा कि वह काफी खुश हैं। खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा मैंने बुकर का सपना कभी नहीं देखा था। मैं चकित हूं, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ऐसा कर सकती हूं। गीतांजलि श्री अब तक तीन उपन्यास और कथा संग्रह लिख चुकी हैं।
उनके उपन्यासों और कथा संग्रह को अंग्रेजी, जर्मन, सर्बियन, फ्रेंच और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है। गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार हर साल यूके या आयरलैंड में प्रकाशित उपन्यास के अनुवाद के लिए दिया जाता है। यह अंग्रेजी भाषा के कथा साहित्य के लिए बुकर पुरस्कार के साथ चलाया जाता है। इस पुरस्कार की स्थापना अन्य भाषाओं में कथा साहित्य को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।