झारखंड, दुमका : झारखंड में दुमका जिला के सरैयाहाट थाना क्षेत्र स्थित अस्वारी गांव में डायन बताकर एक ही परिवार की तीन महिलाओं और एक पुरुष को भयावह रूप से प्रताड़ित करने का शर्मनाक मामला सामने आया है। पुलिस ने बताया कि उन्हें जबरन मल-मूत्र पिलाया गया और गर्म लोहे की छड़ों से शरीर को दागा भी गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने पीड़ितों को बचाया और अस्पताल में भर्ती कराया। बताया जाता है कि अस्वारी गांव के ही लोगों ने जादू-टोना करने के शक में तीन ग्रामीण महिलाओं- रसी मुर्मू (55), सोनमुनी टुड्डू (60) और कोलो टुड्डू (45) तथा श्रीलाल मुर्मू नामक 40-वर्षीय पुरुष की जमकर पिटाई की तथा उसके बाद उन्हें जबरन मल-मूत्र पिलाया। घटना की पुष्टि करते हुए पुलिस का कहना है कि पीड़ित परिवार इस कदर सहमा हुआ था कि किसी ने पुलिस से मदद मांगने की हिम्मत तक नहीं की। पुलिस बल मौके पर पहुंचकर चारों पीड़ितों को छुड़ाकर इलाज के लिए सरैयाहाट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां से चिकित्सक ने सोनामुनी टुड्डू और श्रीलाल मुर्मू की गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए उन्हें देवघर के एक अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। इस मार्मिक घटना की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए असम के राष्ट्रीय स्तर के मानवाधिकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दिव्यज्योति सैकिया ने कहा कि इस तरह की जघन्य घटनाएं अशिक्षा के कारण घटित होती है। ऐसे में क्षेत्र के लोगों को शिक्षित करने के साथ ही इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा भी बनाया जाना चाहिए। उनका कहना था कि केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकार इस तरह की मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में कदम उठाने में नाकाम रही है जो सचमुच दुर्भाग्यपूर्ण कहा जा सकता है। उनका कहना था कि आज भी देश के पिछड़े हिस्सों में शिक्षा की ज्योति नहीं पहुंच पाई है। इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार को लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है।
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