असम, गुवाहाटी : असम के बरपेटा जिले की एक अदालत ने आज गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को जमानत दे दी, जिन्हें इस सप्ताह महिला पुलिस अधिकारी से मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाकर किए गए कथित आपत्तिजनक ट्वीट से जुड़े एक अन्य मामले में मेवाणी को कोकराझार में जमानत मिलने के बाद फिर से गिरफ्तार किया गया था। मेवाणी के वकील अंगशुमान बोरा ने कहा कि जिला और सत्र अदालत बरपेटा ने मेवाणी को 1,000 रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी।
गौरतलब है कि मेवाणी के खिलाफ दूसरा मामला 21 अप्रैल को बरपेटा में दर्ज हुआ था। 41 वर्षीय मेवाणी ने कथित तौर पर 21 अप्रैल को महिला पुलिस अधिकारी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था, जब विधायक को गुवाहाटी हवाई अड्डे से कोकराझार लाया जा रहा था। उसे 20 अप्रैल को गुजरात के पालनपुर से गिरफ्तार किया गया और अगले दिन गुवाहाटी लाया गया। वडगाम से विधायक मेवाणी को कोकराझार ले जाया गया, जहां भाजपा नेता अरूप कुमार डे ने मोदी के खिलाफ कथित ट्वीट से संबंधित मामला दर्ज कराया। मेवाणी को दूसरे मामले में दोबारा गिरफ्तार करने से पहले 21 अप्रैल को तीन दिन के पुलिस रिमांड और 24 अप्रैल को एक दिन के न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था।
वहीं दूसरी ओर जिग्नेश को जमानत मिलने पर असम के राष्ट्रीय स्तर के मानव अधिकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दिव्यज्योति सैकिया ने गहरा संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान पूरे देश में एक तरह अराजक स्थिति पैदा हो गई है। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में बोलने की आवाज को दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज अगर कोई अपनी हक की बात करता है तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है। यह न केवल लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश है बल्कि मानव अधिकार का भी सरासर उल्लंघन है।