जम्मू कश्मीर, श्रीनगर : राष्ट्रपति ने 74वें गणतंत्र की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए 412 वीरता पुरस्कारों और अन्य रक्षा अलंकरणों की घोषणा कर दी है। जम्मू कश्मीर के शहीद कांस्टेबल मुद्दसिर अहमद शेख और शहीद नाइक जसबीर सिंह को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। शहीद मुद्दसिर बिंदास भाईजान के नाम से भी जाने जाते हैं।25 मई 2022 को उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के नजीभट क्षेत्र में पुलिस और सेना की संयुक्त टीम आतंकियों के साथ मुठभेड़ में कांस्टेबल मुद्दसिर (32) शहीद हो गए थे। वह पुलिस और भारतीय सेना के 52 आरआर के अंडरकवर ऑपरेटिव की टीम का हिस्सा थे। इस मुठभेड़ में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 3 विदेशी आतंकवादियों को मार गिराया गया। मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किया गया। मुठभेड़ में मुद्दसिर गोली लगने से घायल हो गए और बाद में शहीद हो गए। शहीद मुद्दसिर के घर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी अपने कश्मीर दौरे पर गए थे। परिवार में उनके पिता मकसूद शेख, माता शमीमा बेगम, दो बहनें और तीन भाई हैं। वह सभी भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। मुद्दसिर स्नातक के बाद स्वास्थ्य विभाग में नौकरी की, लेकिन इसके बाद वह जम्मू-कश्मीर पुलिस में एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारी) के तौर पर जुड़े। उसके बाद उन्हें डीपीएल बारामुला में तैनात किया गया था। बाद में उनकी असाधारण सेवाओं के लिए उन्हें पुलिस कांस्टेबल के रूप में तैनाती दी गई थी। वही सिंह को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। 8 जुलाई 2022 को नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम बनाते हुए आतंकवादियों से लोहा लेते हुए उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया। वह उस समय 38 वर्ष के थे। सिंह जम्मू के आरएस पुरा रहने वाले थे। 2004 में सेना में शामिल हुए थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं। वह नायब सूबेदार चरण दास के पुत्र थे, जिन्होंने हमारे ग्लेशियर में अपने कार्यकाल के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था और उन्हें मरणोपरांत सेना पदक से सम्मानित किया गया।
बाजाशेयरर रहा बंद
नई दिल्ली : इस्लाम धर्म लंबियों का पवित्र त्योहार ईद उल फितर के मौके पर आज नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)...
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