बिहार, बेगूसराय : बिहार के बेगूसराय जिले में अपहरण कर पकड़ौआ विवाह करवाने का एक ताजा मामला सामने आया है। यह फिलहाल मीडिया की सुर्खियां बटोर रहा है। विवाह के वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं। इस संबंध में तेघड़ा थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि उसका अपहरण कर पकड़ौआ विवाह करवाया गया है। हालांकि इस पूरे प्रकरण पर पुलिस अब भी कुछ कहने से बच रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तेघड़ा थाना क्षेत्र के पिढ़ौली गांव निवासी सुबोध कुमार झा ने थाना में प्राथमिकी दर्ज करते हुए कहा है कि उसके पुत्र का अपहरण कर जबरन विवाह करवाया गया है। प्राथमिकी में कहा गया है कि 14 जून की दोपहर उनका बेटा पशु चिकित्सक सत्यम कुमार मवेशी का इलाज करने के लिए निकला था, लेकिन देर रात तक वो घर नहीं लौटा। अगले दिन की सुबह सत्यम की मां के फोन पर शादी का एक विडियो क्लिप आया, जिसमें मंदिर में सत्यम और उसके साथ दुल्हन के कपड़े में एक लड़की बैठी हुई थी। आस-पास लोगों की भीड़ थी और पंडित मंत्रोच्चारण कर रहा था। वीडियो में स्पष्ट नजर आ रहा था कि यह विवाह की रस्में निभाई जा रही है।
इस वीडियो को देखने के बाद परिवारवालों के होश उड़ गए। वहीं सत्यम के चाचा का कहना है कि हसनपुर गांव के विजय सिंह ने सत्यम का अपहरण कर उसका जबरन विवाह करवाया है। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। यहां उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि बिहार में पकड़ौआ विवाह नई बात नहीं है। यह परंपरा दशकों से चलती आ रही है। इसमें किसी लड़के का अपहरण कर जबरन उसकी किसी लड़की से विवाह करवा दी जाती है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि ऐसा करने से दहेज के झंझट से छुटकारा मिलता है। इस घटना पर असम के राष्ट्रीय स्तर के मानव अधिकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता तथा अंधविश्वास विरोधी नेता डॉ. दिव्यज्योति सैकिया ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह पूरी तरह गैरकानूनी है।
उन्होंने इसके लिए कड़े कानून बनाने की वकालत की। उनका कहना था कि देश में कई परंपराएं चल रही हैं। यह परंपराएं न केवल सामाजिक व्याधि है बल्कि यह समाज और मानव जाति के लिए कल्याणजनक नहीं है। इसीलिए वह इसकी कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं और बिहार सरकार से कठोर कानून बनाने की मांग करते हैं। उनका यह भी कहना था कि इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन को अपहरण की घटना दर्ज करनी चाहिए। डॉ. दिव्यज्योति सैकिया ने 21वी सदी में भी इस तरह की घटनाएं सामने आने को दुर्भाग्यजनक करार दिया।