महाराष्ट्र, मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि सीमा शुल्क विभाग द्वारा किसी परिसर को सील करना सख्त कार्रवाई के समान है, जिसके परिणामस्वरूप किसी अचल संपत्ति को रखने, इस्तेमाल करने और कब्जा करने के ‘किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों के साथ छेड़छाड़’ होती है। अदालत ने यह भी कहा कि विभाग के पास ऐसा करने का स्पष्ट अधिकार भी नहीं है। न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने पारित आदेश में कहा कि उनकी राय है कि तलाशी लेने की शक्ति का मतलब सील करने की शक्ति नहीं हो सकती है और सीमा शुल्क अधिकारियों को एक कंपनी के नवी मुंबई परिसर को खोलने का निर्देश दिया। यह आदेश नारायण पावर सॉल्यूशंस की ओर से दायर याचिका पर पारित किया गया है। पावर सॉल्यूशंस ने वकील सुजय कांतावाला के जरिए याचिका दायर की थी, जिसमें नवी मुंबई में उनके कार्यालय परिसर को खोलने की मांग की गई थी। कांतावाला ने तर्क दिया था कि सीमा शुल्क विभाग के पास सीमा शुल्क अधिनियम के प्रावधानों के तहत परिसर को सील करने का अधिकार और अधिकार क्षेत्र नहीं है।
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