महाराष्ट्र, मुंबई : केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत अपनी बंदरगाह क्षमता को छह गुना से अधिक बढ़ाकर 2047 तक 10,000 मिलियन टन प्रति वर्ष तक पहुंचाने की योजना बना रहा है, जो देश का अब तक का सबसे बड़ा समुद्री बुनियादी ढांचा अभियान है। यह खुद को एक वैश्विक शिपिंग केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है। फिक्की समुद्री सम्मेलन और एक्सपो 2025 में बोलते हुए सोनोवाल ने खुलासा किया कि प्रमुख बंदरगाह पहले से ही सालाना 820 एमएमटी कार्गो संभाल रहे हैं, जो 2014 के बाद से 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जबकि इसी अवधि के दौरान कुल बंदरगाह क्षमता दोगुनी होकर 1,630 एमएमटी हो गई है। उन्होंने कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र देश के आर्थिक पुनरुत्थान की आधारशिला बन गया है। महाराष्ट्र में वधावन बंदरगाह, जो भारत की सबसे बड़ी कंटेनर सुविधा बनने के लिए तैयार है और ग्रेट निकोबार में गैलाथिया खाड़ी में अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट जिसका उद्देश्य प्रमुख वैश्विक मार्गों के साथ ट्रांसशिपमेंट व्यापार पर कब्जा करना है। मंत्री ने कहा ये उपलब्धियां समृद्धि के लिए बंदरगाहों के हमारे दृष्टिकोण का प्रतीक हैं, जहां बुनियादी ढांचा आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए स्प्रिंगबोर्ड के रूप में कार्य करता है। इस अवसर पर मंत्रालय के सचिव टी के रामचंद्रन ने कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र प्रमुख बंदरगाहों पर हरित हाइड्रोजन उत्पादन केंद्रों की तत्काल योजना के साथ 2047 तक 1 ट्रिलियन निवेश का लक्ष्य बना रहा है।
रिश्वत लेते तीन गिरफ्तार
हिमाचल प्रदेश, कुल्लू : विजिलेंस ने कुल्लू में खाद्य सुरक्षा विभाग के कार्यालय में दबिश देकर सहायक आयुक्त व खाद्य...
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