महाराष्ट्र, पुणे : पुणे सड़क हादसे को लेकर रोज एक नए रहस्य से पर्दा उठ रहा है। इस हादसे में एक तेज रफ्तार लग्जरी कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। कार 17 साल का नाबालिग चला रहा था, जो शराब के नशे में धुत था। अब पुणे पुलिस ने नाबालिग के खून के नमूने से छेड़छाड़ करने और सबूत नष्ट करने के आरोप में दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों को नाबालिग के खून के नमूने में हेरफेर के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों में अस्पताल के फोरेंसिक विभाग के प्रमुख भी शामिल हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा उन्हें खून के नमूनों में कथित छेड़छाड़ और सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान डॉ. अजय तावरे और श्रीहरि हरनोर के रूप में हुई है। फिलहाल क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है। इससे पहले शनिवार को नाबालिग के दादा को ड्राइवर का अपहरण करने, धमकी देने और अपराध कबूल करने के लिए ड्राइवर को मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वहीं, इस मामले में दो अधिकारियों को भी निलंबित किया जा चुका है। मालूम हो पुणे शहर में 18-19 मई की दरम्यानी रात को करीब तीन करोड़ रुपये की पोर्श कार को तेज गति से दौड़ाने के चक्कर में 17 साल के लड़के ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी। गाड़ी की टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक अपना संतुलन खोकर काफी दूर तक सड़क पर घिसटते चली गई, जिससे उस पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। मौके पर मौजूद लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद आरोपी नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने किया साइबर अपराध का खुलासा
अरुणाचल प्रदेश, नाहरलागुन : अरुणाचल प्रदेश की नाहरलागुन पुलिस ने एक साइबर अपराध का खुलासा किया है, जिसमें एक स्थानीय...
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