मणिपुर, इंफाल : मणिपुर में जातीय हिंसा के बाद आज पहली बार राज्य विधानसभा का सत्र बुलाया गया है। एक दिवसीय सत्र के दौरान सदन में हंगामा देखने को मिल सकता है। हालांकि कुकी समुदाय के विधायकों ने विधानसभा सत्र में शामिल नहीं होने की बात कही है। बीते दिनों जनजातीय एकता समिति (सीओटीयू) और स्वदेशी जनजातीय नेता मंच (आईटीएलएफ) ने मणिपुर विधानसभा का सत्र बुलाने की निंदा की है। उनका कहना है कि मौजूदा स्थिति कुकी विधायकों के भाग लेने के अनुकूल नहीं है। इससे पहले मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने कहा था कि विधानसभा सत्र छलावा है और जनहित में नहीं है। एक दिन का सत्र बुलाने पर ओकराम ने कहा मेरा अनुभव है कि जिस दिन श्रद्धांजलि दी जाती है, उस दिन किसी अन्य कार्य पर चर्चा नहीं की जाती। समिति के सदस्य के रूप में मैंने सुझाव दिया कि राज्य में अभूतपूर्व स्थिति पर चर्चा करने के लिए सत्र कम से कम पांच दिनों के लिए आयोजित किया जाना चाहिए। विपक्ष के पास सिर्फ चार या पांच सदस्य हैं। हम यहां सरकार की आलोचना करने नहीं आए हैं, बल्कि जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने आए हैं।
बैठकों में अब नहीं होगा अधिकारियों के पदनामों का उल्लेख
हिमाचल प्रदेश, शिमला : हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों की बैठकों की कार्यवाही में अब अधिकारियों के नाम या पदनामों...
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