उत्तर प्रदेश, लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में महज 1 सीट ही जीत पाने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने करारी हार के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के दुष्प्रचार को जिम्मेदार ठहराया है। मायावती ने आज सुबह लखनऊ में कहा कि बसपा को यदि मुस्लिम और दलित वोट मिल जाता तो भाजपा की हार हो जाती।
उन्होंने ने कहा यह चुनाव हमारे लिए एक सीख की तरह से है। बसपा के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया। मैं बसपा के समर्थकों से कहना चाहूंगी कि हिम्मत नहीं हारनी है और लगे रहना है। बाबासाहेब के अनुयायी कभी हिम्मत नहीं हार सकते हैं। मैं कहना चाहूंगी कि अब बुरा वक्त खत्म होने वाला है।
हमने जीजान से प्रयास किया और उसके बाद भी यह नतीजा आया है तो फिर इससे बुरा क्या हो सकता है। मायावती ने साफ तौर पर माना कि बसपा का दलित वोट बड़े पैमाने पर भाजपा को ट्रांसफर हो गया और उसी के चलते उसे बड़ी जीत मिल गई। मायावती ने कहा इस बार चुनाव में मुसलमानों का वोट एकतरफा सपा की ओर जाता दिखा। ऐसे में मेरे अपने समाज को छोड़कर बड़ी संख्या में हिंदू समाज के लोगों ने भाजपा को ही वोट दे दिया ताकि सपा का गुंडाराज न आ सके। उन्होंने बसपा की इस हार की तुलना 1977 में कांग्रेस की हालत से की।
उन्होंने कहा कि ऐसे दौर में हमें हताश होने की बजाय भविष्य के लिए प्रयास करने चाहिए। हमें बाबासाहेब के जीवन संघर्ष को याद करते हुए काम करना होगा। उन्होंने हार के लिए सपा को भी इस हार के लिए जिम्मेदार ठहराया, जिसने उन्हें भाजपा की बी टीम बताया। मायावती ने कहा कि मैं बीएसपी के सभी छोटे बड़े पदाधिकारियों और लोगों को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने जी-जान से काम किया है। मायावती ने माना कि बसपा का ग्राफ गिरा है और यह हमारे लिए चिंता की बात है।