गुवाहाटी। राज्य में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में हो रही वृद्धि के मद्देनजर सरकार ने आज मिनी लॉकडाउन लगाने की घोषणा की। वर्तमान प्रतिबंध मे बदलाव कर नए प्रतिबंधों की घोषणा की गई है। आज यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भास्कर ज्योति महंत ने कोविड-19 के नए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का खुलासा किया।
ताजा एसओपी कल से अगले आदेश तक प्रभावी होगी। इसके तहत अब कर्फ्यू रोजाना दोपहर 2 से सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा। सभी दुकानें और प्रतिष्ठान दोपहर 1 बजे से ही बंद करना होगा।साप्ताहिक हाट व बाजार धार्मिक स्थल तथा सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय 15 दिनों के लिए बंद रहेंगे।विवाह और धार्मिक कार्यों में अधिकतम 10 लोगों को भाग लेने की अनुमति होगी।
इस दौरान किसी भी रिसेप्शन या पार्टी की अनुमति नहीं होगी। सभी सार्वजनिक परिवहन 30 प्रतिशत क्षमता के साथ काम कर सकेंगे। महिलाओं और बच्चों को छोड़कर दुपहिया वाहनों में दोहरी सवारी प्रतिबंधित होगी। आदेश में यहां भी स्पष्ट किया गया है कि यह आवश्यक, आपातकालीन सेवाओं, कानून प्रवर्तन सेवाओं और चुनाव कार्य का प्रतिपादन करने वाले व्यक्तियों एवं संगठनों पर लागू नहीं होगा।
आदेश में यह भी कहा गया है कि सरकारी एवं अर्द्ध सरकारी कार्यालयों के उप सचिव से ऊपर और गैर सरकारी क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारियों को उनके प्रमुख सहायकों के साथ केवल आपातकालीन और आवश्यक कार्यों के लिए 1 बजे तक कार्यालय में उपस्थित होने की अनुमति दी जाएगी।आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी दुकाने एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान को भले ही दोपहर 1 बजे से अपने परिचालन बंद करने होंगे लेकिन ई-कॉमर्स और होम डिलीवरी सेवाओं में छूट।
इसके अलावा अगले 15 दिनों के लिए धार्मिक स्थलों को बंद रखने के आदेश में यह छूट दी गई है कि धर्मगुरु या प्रतिनिधि न्यूनतम धार्मिक प्रार्थना कर सकते हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि अतिरिक्त प्रतिबंध शहरी क्षेत्रों और अर्ध शहरी क्षेत्रों के नगर निगम,नगरपालिका, वार्ड, राजस्व शहरों की परिधि से 5 किमी के अंदर प्रभावी होंगे। ऑटो रिक्शा, रिक्शा और टैक्सी एक चालक और दो यात्रियों के साथ काम करेंगे।
सरकारी वाहनों के अलावा अन्य सभी वाहनों को शाम 5 बजे से 2 बजे के बीच न्यायिक जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तय किए जाने वाले ऑड-ईवन फॉर्मूला के अनुसार चलाई जा सकेगी। हालाकि यह प्रतिबंध मेडिकल इमर्जेंसी के लिए उपयोग किए जाने वाले व्यक्तिगत वाहनों पर लागू नहीं होगा।
उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी क्षेत्र में कोविड-19 के मामले पिछले एक सप्ताह में 5 प्रतिशत या उससे अधिक का आंकड़ा पार करता है तो जिला मजिस्ट्रेट ऐसे क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित कर सकते हैं। वे आवश्यक रोकथाम के उपाय सुनिश्चित भी कर सकते हैं।
डीजीपी महंत ने एसओपी का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ हत्या के आरोप का प्रयास का मामला दर्ज किया जाएगा, जो गुप्त रूप से एसओपी का उल्लंघन कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन के मानदंडों का उल्लंघन करने वालों को हत्या की कोशिश या असम आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम स्थिति की गंभीरता के आधार पर तय किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने किसी विशेष स्थान पर लोगों के इकट्ठा होने के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी।