अमेरिका, न्यूयार्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76 वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए न हो। हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा वहां कि नाजुक स्थितियों का इस्तेमाल कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश न करे।
इस समय अफगानिस्तान की जनता को वहां की महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यक आबादी को मदद की जरूरत है। इसमें हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने आंतकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रतिगामी सोच के साथ, जो देश आतंकवाद का राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है।
आज विश्व के सामने प्रतिगामी सोच और चरमपंथ का खतरा बढ़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों में, पूरे विश्व को विज्ञान आधारित, तर्कसंगत और प्रगतिशील सोच को विकास का आधार बनाना ही होगा। चीन का बगैर नाम लिए निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे समुद्र भी हमारी साझी विरासत है इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि ओसियन रिसोर्सेज को हम यूज करें अब्यूज नहीं। हमारे समुद्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं।
इन्हें हमें एक्सपैंशन और एक्सक्लूजन की दौड़ से बचाकर रखना होगा। कोरोना टीकाकरण को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का वैक्सीन डिलीवरी प्लेटफार्म कोवीन एक ही दिन में करोड़ों वैक्सीन डोज लगाने के लिए डिजीटल सहायता दे रहा है। मैं यूएनजीए को ये जानकारी देना चाहता हूं कि भारत ने दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन विकसीत कर ली है, जिसे 12 साल से ज्यादा आयु के सभी लोगों को लगाया जा सकता है।
भारत के वैज्ञानिक एक नेजल वैक्सीन के निर्माण में भी लगे हैं। मानवता के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत ने एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है। मैं आज दुनियाभर के वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स को भी आमंत्रित करता हूं कि आइए और भारत में वैक्सीन बनाइए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे उस देश का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसे मदर आफ डेमोक्रेसी का गौरव हासिल है।
लोकतंत्र की हमारी हजारों वर्षों की महान परंपरा रही है। इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आज़ादी के 75 वें साल में प्रवेश किया। हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है। एक ऐसा देश जिसमें दर्जनों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अलग-अलग रहन सहन, खान-पान है। ये वाइब्रेंट डेमोक्रेसी का उदाहरण है। स्वतंत्रता के 75 वर्ष के अवसर पर भारत भारतीय छात्रों द्वारा बनाए गए 75 उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने जा रहा है l
मोदी कहा कि ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जो कभी एक रेलवे स्टेशन की टी स्टाल पर अपने पिता की मदद करता था वो आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर यूएनजीए को संबोधित कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना महामारी को लेकर कहा कि गत डेढ़ वर्ष से पूरा विश्व 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रहा है। ऐसी भयंकर महामारी में जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं और परिवारों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। कोरोना महामारी ने दुनिया को सिखाया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को अब और अधिक विविधतापूर्ण होना चाहिए। सबोधन की शुरुआत में उन्होंने अब्दुल्ला शाहिद को अध्यक्ष पद संभालने के लिए बधाई दी।