असम, गुवाहाटी : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री एवं राज्यसभा के उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पीडब्ल्यू डी (पुअर, विमेन, डाउनट्रॉडेन) सशक्तिकरण के मोदी मंत्र ने कम्युनल, कास्टिस्ट, करप्शन के कंसोर्टियम को ध्वस्त किया है। आज गुवाहाटी के खानापाड़ा के पशु चिकित्सा महाविद्यालय खेल मैदान में आयोजित हुनर हाट में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदुस्तान के वंचितों-गरीबों के सशक्तिकरण के साथ दुनिया में शांति के आइकॉन बन गए हैं। एक और जहां भारतीय समाज मोदी को विकास के विश्वास का प्रतीक मानता है, वहीँ पूरी दुनिया उनके नेतृत्व को विश्व शांति का सार्थक सम्बल मानती है। संकट के समय मोदी ने संकटमोचन की भूमिका निभाई है। पहले कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और अब यूक्रेन संकट के समय।
प्रधानमंत्री का स्थान 1 से 10 तक है। इसके बीच किसी और का नंबर नहीं आता है। उत्तर प्रदेश, मणिपुर एवं अन्य राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जबरदस्त जीत, प्रधानमंत्री के समावेशी विकास, सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण के संकल्प पर देश के लोगों के अटूट विश्वास का पुख्ता प्रमाण है। मोदी ने दकियानूसी जातिवादी, सांप्रदायिक राजनीति को विकास की राष्ट्रनीति से ध्वस्त किया है। अल्पसंख्यक मतदाताओं ने भी अपना जी खोलकर समर्थन दिया है क्योंकि उनके लिए हमारी पार्टी अब अछूत नहीं रह गई है। मणिपुर में पार्टी को मिली ऐतिहासिक जीत पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा विकास को विश्वास की डोर से जोड़कर दशकों से उपेक्षित पूर्वोत्तर क्षेत्र को प्रोग्रेस, प्रोस्पेरिटी का प्रायोरिटी पार्टनर बनाये जाने का नतीजा है।
मोदी सरकार की एक्ट ईस्ट पॉलिसी से असम सहित पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी राज्यों का सशक्तिकरण सुनिश्चित हुआ है। प्रधानमंत्री ने 2014 में ही संकल्प लिया था कि पूर्वोत्तर राज्यों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ेंगे। पिछले लगभग 8 वर्षों में पूर्वोत्तर के राज्यों में विकास के युद्धस्तर पर काम हुए हैं। जहाँ 2014-15 में पूर्वोत्तर क्षेत्र के 8 राज्यों के विकास के लिए 36 हजार करोड़ का बजट दिया गया था वहीँ 2022-23 के बजट में 76 हजार करोड़ रूपए पूर्वोत्तर के विकास के लिए दिए गए हैं। पिछले लगभग 8 वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में ढांचागत का जबरदस्त विकास हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर में रेलवे के विस्तार के लिए 39 हजार करोड़ रूपए खर्च किये गए हैं। लगभग 49 हजार करोड़ रूपए की लागत से 13 हजार 700 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हुआ है।लगभग 85 हजार 600 करोड़ रूपए के सड़क निर्माण परियोजना पूर्वोत्तर के राज्यों में चल रहे हैं और अगले 2 वर्षों में 80 हजार करोड़ रूपए के अन्य सड़क निर्माण के परियोजना प्रस्तावित हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पर्यटन, नागरिक उड्डयन, कृषि, बागवानी क्षेत्र में भी अभूतपूर्व विकास हुआ है। आत्मनिर्भर हस्तशिल्पकार योजना के जरिये पूर्वोत्तर की दस्तकारी, शिल्पकारी की परंपरागत, पुश्तैनी विरासत को मौका-मार्किट मुहैया कराया गया है। केंद्र सरकार द्वारा पूर्वोत्तर के राज्यों को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 900 करोड़ रूपए से अधिक की मदद की गई, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार हुआ है।