नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने रोजगार, शिक्षा वा अन्य कारणों से अपने शहर को छोड़कर देश के दूसरे नगर या स्थान में रहने वाले लोगों के लिए रिमोट वोटिंग सुविधा देने पर काम शुरू किया है। आने वाले दिनों में देश में कहीं से भी कोई व्यक्ति कार्यक्षेत्र से ही अपना मतदान कर सकेगा। प्रवासी मतदाताओं को वोट करने के लिए वापस अपने ग्रह नगर जाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। चुनाव आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी आरवीएम विकसित किया है। यह एक रिमोट पोलिंग बूथ से 72 तक निर्वाचन क्षेत्रों का मतदान करा सकता है। चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को 16 जनवरी को लाइव डेमो के लिए बुलाया है। सभी पार्टियों और हितधारकों से फीडबैक और प्रोटोटाइप के प्रदर्शन के आधार पर चुनाव आयोग दूरस्थ मतदान पद्धति को लागू करने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ेगा। इसे लागू करने में कानूनी, प्रशासनिक और तकनीकी चुनौतियों पर राजनीतिक दलों के विचार भी मांगे हैं। चुनाव आयोग ने बयान में कहा कि 2019 के आम चुनाव में 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था। 30 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने वोट नहीं डाला था। चुनाव आयोग ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है। गौरतलब है कि फिलहाल, दुनिया में एस्टोनिया ही एक ऐसा देश है, जहां के मतदाताओं को ऑनलाइन वोटिंग का अधिकार है। इसके अलावा फ्रांस, जर्मनी, पेरू, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने विकलांगों और बुजुर्गों के साथ साथ कुछ विशेष वर्ग के लोगों को रिमोट वोटिंग की सुविधा दी है।
भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त
मणिपुर, इंफाल : राज्य में सुरक्षा बलों ने पहाड़ी और घाटी जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में अपने लगातार...
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