नई दिल्ली : केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 13 जनवरी को वाराणसी में एमवी गंगा विलास के साथ दुनिया की सबसे लंबे रिवर क्रूज का शुभारंभ भारत के लिए रिवर क्रूज पर्यटन के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक होगा। यह लग्जरी क्रूज भारत और बांग्लादेश के 5 राज्यों में 27 नदी प्रणालियों में 3,200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा। सोनोवाल ने कहा कि इस सेवा के लॉन्च होने के साथ रिवर क्रूज की विशाल अप्रयुक्त क्षमता के इस्तेमाल की शुरुआत होगी। इस अवसर पर बोलते हुए सोनोवाल ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में हम उस अपार संपदा की खोज कर रहे हैं, जो हमें समृद्ध नदी प्रणाली प्रदान करती है। अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से सतत विकास के इस मार्ग को जबरदस्त बढ़ावा मिला है, क्योंकि कार्गो ट्रैफिक के साथ-साथ यात्री पर्यटन को बढ़ाने के प्रयासों के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। एमवी गंगा विलास क्रूज देश में नदी पर्यटन की विशाल क्षमता को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है। वैश्विक स्तर पर हमारी समृद्ध विरासत और आगे बढ़ेगी, क्योंकि पर्यटक भारत की आध्यात्मिक, शैक्षिक, कल्याण, सांस्कृतिक और साथ ही जैव विविधता की समृद्धि का अनुभव करने में सक्षम होंगे। काशी से सारनाथ तक, माजुली से मयोंग तक, सुंदरबन से काजीरंगा तक, यह क्रूज जीवन भर का अनुभव प्रदान करता है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में यह अद्भुत पहल, भारत में नदी क्रूज पर्यटन में एक नए युग की शुरुआत है और नीति तथा अभ्यास दोनों के माध्यम से एक्ट ईस्ट को साकार करने की दिशा में हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत कर रही है। एमवी गंगा विलास क्रूज को दुनिया के सामने देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए सुसज्जित किया गया है। विश्व विरासत स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों, और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की 51 दिनों की क्रूज यात्रा की योजना बनाई गई है। एमवी गंगा विलास क्रूज 62 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा है और आराम से 1.4 मीटर के ड्राफ्ट के साथ चलता है। इसमें तीन डेक हैं, 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोर्ड पर 18 सुइट हैं, जिसमें पर्यटकों के लिए एक यादगार और शानदार अनुभव प्रदान करने के लिए सभी सुविधाएं हैं। जहाज अपने मूल में स्थायी सिद्धांतों का पालन करता है, क्योंकि यह प्रदूषण मुक्त प्रणाली और शोर नियंत्रण तकनीकों से लैस है। एमवी गंगा विलास की पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यात्रा का आनंद लेंगे। एमवी गंगा विलास के डिब्रूगढ़ पहुंचने की संभावित तिथि 1 मार्च है।
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