नई दिल्ली : वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक अब इस दुनिया में नहीं रहे। वह करीब 78 साल के थे। बताया गया है कि सुबह वे नहाने गए थे, लेकिन काफी देर तक बाहर नहीं आए। सुबह करीब साढ़े नौ बजे परिवार के लोगों ने दरवाजा तोड़ा, तब वे अंदर बेसुध मिले। इसके बाद उन्हें घर के पास स्थित प्रतीक्षा अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि उनका निधन काफी देर पहले ही हो चुका है। कल सुबह नौ बजे से एक बजे तक उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान गुरुग्राम में रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार लोधी क्रेमेटोरियम में शाम चार बजे होगा। उन्होंने पत्रकारिता ने राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, और हिंदी के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया। उनका जन्म 30 दिसंबर 1944 को इंदौर में हुआ था। अंतरराष्ट्रीय मामलों में जानकार होने के साथ ही उनकी रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा पर पकड़ रही। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वे भारत के ऐसे पहले विद्वान हैं, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिंदी में लिखा। उन्होंने अपनी पीएचडी के शोधकार्य के दौरान न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, मॉस्को के इंस्तीतूते नरोदोव आजी, लंदन के स्कूल ऑफ ओरिंयटल एंड अफ्रीकन स्टडीज और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया।
सोनोवाल तीन दिवसीय सिंगापुर यात्रा पर
नई दिल्ली : केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल सिंगापुर समुद्री सप्ताह में भाग लेने के लिए सिंगापुर...
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