नई दिल्ली : दुनिया के शीर्ष देशों में ब्याज दरों को बढ़ाने के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) छठे स्थान पर है। अमेरिका पहले स्थान पर है। पिछले साल से महंगाई पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय बैकों ने दरें बढ़ाने का तरीका अपनाया था। इसके बावजूद ज्यादातर देशों में महंगाई अभी भी उनके तय दायरे से ऊपर ही बनी हुई है। पिछले साल मई से लेकर अब तक आरबीआई ने रेपो दर में 2.50 फीसदी की वृद्धि की है। अप्रैल में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में एक बार फिर से दरों में 0.25 फीसदी वृद्धि का अनुमान है। ऐसे में यह 2.75 फीसदी हो जाएगी। डच बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक दास ने कहा महंगाई संबंधी जोखिम से निपटने के लिए आरबीआई सभी विकल्प खुले रखेगा। महंगाई कैलेंडर वर्ष 2023 में 6.70 फीसदी से ऊपर ही रह सकती है। अगले साल यह 4 फीसदी के आसपास रह सकती है।
वाणिज्यिक एलपीजी गैस सिलेंडर हुआ महंगा
नई दिल्ली : तेल विपणन कंपनियों ने पिछले सितंबर की तरह इस बार भी 19 किलोग्राम वाले वाणिज्यिक एलपीजी गैस...
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