नई दिल्ली : केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम गुलाम अली को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया। यह संभवत: पहली बार है, जब क्षेत्र के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति को मनोनीत सदस्य के रूप में उच्च सदन में भेजा गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (एक) के उप-खंड (ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, जो उसी अनुच्छेद के खंड (3) में शामिल है, राष्ट्रपति एक मनोनित सदस्य के सेवानिवृत्त होने से रिक्त हुई जगह को भरने के लिए गुलाम अली को राज्यसभा के लिए नामित करती हैं। इस संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने नियुक्ति की सराहना करते हुए इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया। यह घाटी में रहने वाले गुर्जर समुदाय को मान्यता देता है। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने भारत सरकार की सिफारिश पर जम्मू-कश्मीर से गुर्जर मुस्लिम गुलाम अली को राज्यसभा के लिए नियुक्त किया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, यह मानते हुए कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले, समुदाय को वस्तुतः मान्यता नहीं दी गई थी और उन्हें सभी सामाजिक लाभों से वंचित कर दिया गया था।
79.23 प्रतिशत मतदान
असम, गुवाहाटी : असम में पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में 79.23 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। एक अधिकारी ने...
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