नई दिल्ली : मणिपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से हिंसा प्रभावित लोगों को दी जा रही राहत, सुरक्षा, पुनर्वास पर नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि भले ही सुरक्षा और कानून राज्य का विषय है, लेकिन सर्वोच्च अदालत के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि राजनीतिक दल आंखें मूंदकर न बैठे रहें। मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की छुटि्टयां खत्म होने के बाद जुलाई में होगी। इस बीच केंद्र सरकार ने बताया कि राज्य में स्थिति में सुधार हुआ है। राज्य की सीमा पर कुछ मुद्दे थे, जिसके मद्देनजर शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है। सु्प्रीम कोर्ट में मणिपुर हिंसा पर 3 याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इरादा राज्य में शांति बहाल करना है। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस और सीएपीएफ द्वारा संचालित कुल 315 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। राज्य सरकार ने राहत उपायों के लिए 3 करोड़ रुपये का आकस्मिक कोष स्वीकृत किया है। एसजी मेहता ने कहा कि अब तक करीब 46,000 लोगों को मदद मिल चुकी है।
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