नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विधि-विधान से नया संसद भवन का शुभारंभ किया। नए भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। हालांकि लगभग पूरे विपक्ष ने नई संसद के उद्घाटन के मौके से किनारा कर लिया है। उद्घाटन के लिए नए संसद भवन पहुंचे मोदी ने इसकी शुरुआत पूजा से की, जो करीब एक घंटे तक चली। नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए हवन हुआ। मंत्रोच्चार के बीच मोदी ने पूरे विधि-विधान से पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उनके साथ लोकसभा के सभापति ओम बिरला भी नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए हो रहे हवन-पूजा में बैठे। यह हवन-पूजा कार्यक्रम करीब एक घंटे तक चला। तमिलनाडु से आए अधीनम संत मंत्रोच्चार के साथ हवन की विधि पूरी की। पीएम मोदी पूजन हवन के बाद सेंगोल के सामने दंडवत हुए। साथ ही, संसद भवन में सेंगोल की स्थापना के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के विभिन्न अधीनम संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया। देश के नए संसद भवन के निर्माण के लिए देशभर से अनोखी सामग्रियों को जुटाया गया है। जैसे नागपुर से सागौन की लकड़ी, राजस्थान के सरमथुरा से सैंडस्टोन, यूपी के मिर्जापुर की कालीन, अगरतला से बांस की लकड़ी और महाराष्ट्र के औरंगाबाद और जयपुर से अशोक प्रतीक को मंगवाया गया। पीएम मोदी ने सेंगोल के साथ संसद के नए भवन में प्रवेश किया। इस दौरान अधीनम मठ के पुजारी भी मौजूद रहे। वहीं, नए संसद उद्घाटन समारोह में शामिल होने पहुंचे केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमारी संसद हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर कहा कि ये एक ऐतिहासिक दिन है, जब प्रधानमंत्री देश को एक नया और आधुनिक संसद भवन समर्पित करेंगे। मैं सभी भारतीयों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए पीएम का आभार व्यक्त करता हूं। हमें इस पल पर गर्व होना चाहिए।
बैठकों में अब नहीं होगा अधिकारियों के पदनामों का उल्लेख
हिमाचल प्रदेश, शिमला : हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों की बैठकों की कार्यवाही में अब अधिकारियों के नाम या पदनामों...
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