नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय विश्व सर्पदंश जागरूकता दिवस हर साल 19 सितंबर को मनाया जाता है। सर्पदंश विष को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा 2017 में उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों की सूची में जोड़ा गया था। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया भर में 5.8 अरब से अधिक लोगों को जहरीले सांप से सामना होने का खतरा है, यह आश्चर्य की बात नहीं है, लेकिन कम दुखद भी नहीं है कि हर दिन लगभग 7400 लोग सर्पदंश के शिकार हो जाते हैं, जिसके कारण 220 से 380 पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की मृत्यु हो जाती है। सर्पदंश के जहर के हर साल लगभग 27 लाख मामले और 81,000 से 1,38,000 मौतें होती हैं। अधिकांश देशों में सर्पदंश के जहर की आर्थिक लागत असहनीय है, क्योंकि यह न केवल पीड़ितों को बल्कि अक्सर उनके पूरे परिवारों को प्रभावित करती है। विशेष रूप से कम और मध्यम आय वाले देशों में गरीब समुदायों में जिनके पास सामाजिक सुरक्षा नहीं है। वहीं दूसरी ओर भारत में हर वर्ष लगभग 40 हजार सर्पदंश की घटनाएं रिकॉर्ड की जाती हैं। इन घटनाओं में अधिकतर घटनाएं बारिश के महीने में होती हैं।
बैठकों में अब नहीं होगा अधिकारियों के पदनामों का उल्लेख
हिमाचल प्रदेश, शिमला : हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों की बैठकों की कार्यवाही में अब अधिकारियों के नाम या पदनामों...
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