नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली की हवा की गति तेज होने से वायु गुणवत्ता में सुधार होने के बावजूद भी दिल्ली की हवा खराब श्रेणी में है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 256 दर्ज किया गया, जो कि खराब श्रेणी में रहा। वहीं दूसरी ओर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय व सर्विसेज मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी कुमार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने की मुहिम को पंगु बना दिया है। कैबिनेट के फैसले को पलटते हुए आईआईटी कानपुर को बकाया राशि का भुगतान रोक दिया। इस कारण रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट अध्ययन का काम ठप हो गया है और दिल्ली सरकार को प्रदूषण के वास्तविक स्रोतों का डाटा मिलना बंद हो गया है। सरकार ने आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर प्रदूषण के वास्तविक स्रोत का पता लगाने के लिए देश में पहली बार इस तरह की स्टडी कराने का फैसला लिया था। स्टडी पर 12 करोड़ खर्च होने हैं। इनमें से 10.60 करोड़ आईआईटी कानपुर को दिए जा चुके हैं। सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण का वैज्ञानिक विश्लेषण करने के लिए इस डाटा की जरूरत थी, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके, लेकिन अश्वनी कुमार ने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को बिना बताए ऐसा फैसला लिया।
बेमौसम बरसात ने ली 20 लोगों की जान
गुजरात, अहमदाबाद : गुजरात में बेमौसम बरसात के दौरान बिजली गिरने की घटनाओं में 20 लोगों की मौत हुई है।...
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