नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मीडिया में हेट स्पीच को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए टीवी चैनलों को लताड़ लगाई है। अदालत ने कहा कि टीवी चैनल पर बहस के दौरान ऐंकर की बड़ी भूमिका होती है और उसे रोकनी चाहिए। अदालत ने सरकार पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले में वाह आखिर क्यों मूक दर्शक बनी रहती है। याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश केएम जोसेफ ने कहा कि मुख्यधारा की मीडिया और सोशल मीडिया पर दिए जाने वाले भाषणों पर कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसे में ऐंकर की जिम्मेदारी है कि वह हेट स्पीच को रोके। उन्होंने आगे कहा कि प्रेस की आजादी जरूरी है लेकिन हमें पता होनी चाहिए कि सीमा रेखा कहां है। उन्होंने कहा हेट स्पीच कई तरह की हो सकती है। यह वैसे ही है जैसे कि किसी की हत्या कर दी जाए या फिर उसे धीरे-धीरे मारा जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं करनी चाहिए लेकिन कम से कम इस मामले में अदालत का सहयोग करना चाहिए। हेट स्पीच रोकने के लिए विधि आयोग की सिफारिशों पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। अब मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी।
वाणिज्यिक एलपीजी गैस सिलेंडर हुआ महंगा
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