नई दिल्ली केंद्र सरकार अब व्हाट्सएप, गूगल डुओ, टेलीग्राम और ऐसे ही कई कॉलिंग और मेसेजिंग एप को दूरसंचार कानूनों के दायरे में लाने की तैयारी में है। इसे लेकर सरकार ने एक प्रारूप विधेयक पेश किया है। इसमें प्रस्ताव है कि ओवर द टॉप (ओटीटी) यानी ऐसी दूरसंचार सेवाएं जो परंपरागत दूरसंचार सेवाओं से अलग हैं और इंटरनेट के जरिये काम करती हैं, उन्हें भी दूरसंचार सेवा के दायरे में लाया जाएगा। सरकार ने प्रारूप टेलीकम्युनिकेशन विधेयक 2022 में कई ऐसे प्रस्ताव पेश किए हैं, जिनसे दूरसंचार कानूनों में भारी बदलाव आ जाएगा। प्रारूप के अनुसार ओटीटी सर्विसेज को भी दूरसंचार सेवाओं का हिस्सा माना जाएगा। इसके अलावा किसी भी दूरसंचार सेवा और नेटवर्क की सुविधा देने वाले को लाइसेंस लेना होगा। सरकार ने दूरसंचार और इंटरनेट सर्विस देने वालों की फीस और पेनल्टी को माफ करने के लिए भी एक प्रस्ताव रखा है। मंत्रालय ने इस बात का प्रस्ताव भी रखा है कि अगर कोई दूरसंचार या इंटरनेट सेवाप्रदाता अपना सर्विस लाइसेंस जमा कर देता है तो उसकी भरी गई फीस वापस कर दी जाए। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नया दूरसंचार विधेयक उद्योग के पुनर्गठन और नई तकनीक को अपनाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप प्रदान करेगा। अगले डेढ़ साल से दो साल में, सरकार को संपूर्ण डिजिटल नियामक ढांचे को पूरी तरह से बदलने में सक्षम होना चाहिए। सरकार ने इस प्रस्ताव पर 20 अक्टूबर तक इससे जुड़े लोगों से सुझाव देने को कहा है।
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