नई दिल्ली : एक स्थायी एवं पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा परिदृश्य को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम और स्वच्छ भारत दिवस की पूर्व संध्या पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश भर में तैंतीस कम्प्रेस्ट जैव-गैस (सीबीजी) संयंत्रों के भूमि पूजन समारोह की आभासी अध्यक्षता की। इनमें असम में गुवाहाटी, जोरहाट, शिवसागर और तिनसुकिया में ऑयल इंडिया लिमिटेड (ऑयल) की नेतृत्व में चार प्रमुख परियोजनाएँ शामिल हैं। एक स्थायी ऊर्जा भविष्य के लिए भारत सरकार के दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में ऑयल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ निकट समन्वय में सार्वजनिक क्षेत्र इकाई निवेश या निजी उद्यमियों के साथ साझेदारी के माध्यम से 2024-25 तक 25 कम्प्रेस्ट जैव-गैस संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल भारत की हरित, अधिक टिकाऊ भविष्य की यात्रा में एक प्रमुख मील का पत्थर है। ऑयल इंडिया लिमिटेड ने वैकल्पिक ऊर्जा में विविधता लाने के लिए एक रणनीतिक योजना विकसित की है, जिसका लक्ष्य 2040 तक शून्य उत्सर्जन को प्राप्त करना है, साथ ही आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक लाभ प्राप्त करना है। नगर पालिका के ठोस अपशिष्ट को कम्प्रेस्ट बयोगैस में परिवर्तित करके, ऑयल इंडिया न केवल स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि सभी के लिए स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण को भी बढ़ावा दे रहा है। स्थायित्व के प्रति ऑयल इंडिया लिमिटेड की प्रतिबद्धता अनुपालन से भी बढ़कर है – यह भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण की विरासत का निर्माण करने के बारे में है। असम में चार स्थानों पर आज आयोजित समारोह में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, उद्योग जगत के नेता और समुदाय के प्रतिनिधि मौजूद थे, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक-आर्थिक विकास के संदर्भ में इन संयंत्रों से उत्पन्न होने वाले सकारात्मक प्रभाव के प्रति अपना उत्साह व्यक्त किया।
बैठकों में अब नहीं होगा अधिकारियों के पदनामों का उल्लेख
हिमाचल प्रदेश, शिमला : हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों की बैठकों की कार्यवाही में अब अधिकारियों के नाम या पदनामों...
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