नई दिल्ली : केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने आज अपने नई दिल्ली स्थित सरकारी निवास पर ऐतिहासिक असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और अपने मंत्री पद को उनके बलिदान को समर्पित किया। इस मौके पर सोनोवाल ने कहा कि उन शहीदों के बलिदानों के कारण ही आज मैं मंत्री बना हूं। अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 1979 से 1985 तक असम के लोगों ने घुसपैठियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने असम आंदोलन में अपने प्राणों की आहूति देने वाले सभी वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा आज उन शहीदों के बलिदानों के कारण ही मैं मंत्री बना हूं। उन्होंने कहा कि हमें देश में इन विदेशी घुसपैठियों के खिलाफ जारी लड़ाई को आगे बढ़ाना है। हम चाहते हैं कि भारत हमेशा सुरक्षित रहे। आज असम पूर्वोत्तर में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है। अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर सोनोवाल ने एक पोस्ट में लिखा कि असम आंदोलन असमिया पहचान की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संघर्ष था। पोस्ट में लिखा गया है असम आंदोलन असमिया पहचान की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संघर्ष और भारत के आधुनिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। उन्होंने लिखा आंदोलन के पहले शहीद खर्गेश्वर तालुकदार के शहादत दिवस पर मैं सभी शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनका बलिदान हमारी प्रेरणा है। इस मौके पर राज्यसभा सांसद रामेश्वर तेली और लोकसभा सांसद प्रदान बरुवा भी उपस्थित थे। विदित हो कि असम आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 10 दिसंबर को शहीद दिवस मनाया जाता है।
भाजपा ने दिल्ली के लिए जारी किया संकल्प पत्र
नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के संकल्प पत्र को लॉन्च करते हुए सांसद अनुराग ठाकुर ने...
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