नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से कोरोना के टीके व अन्य दवाओं के कई राज्यों में भेजने का ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ रुपये ठगी करने का मामला सामने आया है। आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच करते हुए छह ठेकेदारों से ठगी करने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार एक आरोपी मंत्रालय में स्वागत अधिकारी, जबकि दो अनुबंध पर कार्यरत थे। शाखा में शिकायत होने के बाद स्वागत अधिकारी ने ऐच्छिक सेवानिवृति ले ली थी। पुलिस फरार अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। शाखा के विशेष आयुक्त रविंद्र यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हरमन सभरवाल, गोविंद, दिप्ररणा तिवारी, त्रिलोक सिंह और मृत्युंजय रॉय के रूप में हुई है। गौरतलब है कि सुनील कौशिक सहित अन्य शिकायतकर्ताओं ने शाखा में करोड़ों की ठगी किए जाने की शिकायत की। जिसमें कहा गया कि उनसे कोविड के टीकों के परिवहन के लिए कार्य आदेश प्रदान करने के बहाने 15 करोड़ रुपये की ठगी की गई। पीड़ितों को विश्वास दिलाने के लिए आरोपितों ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के जाली दस्तावेज तैयार किए थे। जांच में पता चला कि स्वागत अधिकारी रहे मृत्युंजय राय को निर्माण भवन स्थित मंत्रालय के कांफ्रेंस हॉल में जाने के लिए प्रति व्यक्ति छह-छह हजार रुपये दिए गए थे। मृत्युंजय राय के मंत्रालय में प्रवेश के लिए पर्चियां बनाने के बाद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी त्रिलोक सिंह और दिप्ररणा तिवारी पीड़ितों को काफ्रेंस हॉल तक पहुंचाया था। वहां मौजूद आरोपी ने खुद को मंत्रालय का अधिकारी बताकर उन्हें जल्द ठेका दिला देने का आश्वासन दिया।आरोपी की बातों पर विश्वास कर पीड़ितों ने ठेका मिलने से पहले ही आरोपियों को 15 करोड़ रुपये दे दिए।
रिश्वत लेते तीन गिरफ्तार
हिमाचल प्रदेश, कुल्लू : विजिलेंस ने कुल्लू में खाद्य सुरक्षा विभाग के कार्यालय में दबिश देकर सहायक आयुक्त व खाद्य...
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