नई दिल्ली : केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने आज कांडला बंदरगाह में दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण में आगामी ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट के लिए इलेक्ट्रोलियर्स को वर्चुअली हरी झंडी दिखाई। यह कदम ऊर्जा परिवर्तन और राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर बोलते हुए सोनोवाल ने कहा कि यह ध्वजारोहण डीपीए कांडला के भारत के अग्रणी ग्रीन हाइड्रोजन हब के रूप में उभरने के मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हम उन्नत हरित ऊर्जा पहलों को आगे बढ़ा रहे हैं, समुद्री क्षेत्र को डीकार्बोनाइज़ करने और टिकाऊ बंदरगाह संचालन के लिए एक राष्ट्रीय बेंचमार्क स्थापित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि कर रहे हैं। डीपीए का लक्ष्य ग्रीन अमोनिया उत्पादन में विस्तार करना भी है, जिससे भारत के नेट ज़ीरो और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को आगे बढ़ाया जा सके, क्योंकि हम देश के लिए एक हरित और अधिक टिकाऊ भविष्य की दिशा में काम कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में मंत्रालय के सचिव टी के रामचंद्रन, डीपीए के अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह और एलएंडटी ग्रीन एनर्जी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख डेरेक एम. शाह ने भाग लिया। डीपीए कांडला में ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट इस साल के जुलाई तक चालू हो जाएगा। इसमें प्रति घंटे 18 किलोग्राम हाइड्रोजन का उत्पादन होगा और यह स्वदेशी इलेक्ट्रोलाइज़र का उपयोग करने वाला भारत का पहला बंदरगाह-आधारित प्लांट बन जाएगा। हाइड्रोजन ईंधन कोशिकाओं के माध्यम से स्वच्छ, आत्मनिर्भर संचालन को शक्ति प्रदान करेगा। डीपीए भारत के नेट ज़ीरो लक्ष्यों को आगे बढ़ाते हुए ग्रीन अमोनिया उत्पादन में विस्तार करने की योजना बना रहा है।
बाजाशेयरर रहा बंद
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