नई दिल्ली : खाद्य तेलों की कीमतें एक बार फिर से बढ़ने लगी हैं। बीते चार-पांच माह के दौरान खाद्य तेल में गिरावट से अन्य सामग्रियों की कीमतों में कमी से महंगाई से जो राहत मिली थी, वह अब दूर होने लगी है। सप्ताह भर में ही सरसों का तेल, रिफाइंड आदि के दाम फुटकर में दस रुपये तक बढ़ गए हैं। बाजार के जानकारों का कहना है कि अभी दाम और बढ़ सकते हैं। पिछलेे सप्ताह थोक बाजार में 15 लीटर रिफाइंड तेल की कीमत 1950 रुपये थी, जो अब बढ़कर 2125 रुपये पहुंच गई है। इसी तरह 15 किलो पॉमोलीन ऑयल का दाम 1580 से बढ़कर 1780 हो गया है। सरसों के तेल की बात करें तो थोक बाजार में 15 किलो सरसों का तेल 2300 से बढ़कर 2400 रुपये हो गया है। पर्व के पहले एकाएक खाद्य तेल के दाम में आई तेजी ने लोगों को परेशान कर दिया है।सरकार ने महंगाई को काबू में करने के लिए पाम ऑयल और सोयाबीन ऑयल पर लगने वाले सीमा शुल्क में कटौती शून्य कर दी है। इसका सीधा फायदा आम उपभोक्ताओं को सस्ते खाद्य तेल के रूप में मिल रहा था, इससे खाद्य तेलों की कीमतों में कमी आई थी। बीते कुछ वर्ष से रिफाइंड, खाद्य तेल आदि में कुछ नामी कंपनियों का वर्चस्व हो गया है। कंपनियों द्वारा दाम बढ़ाने एवं त्योहारी सीजन में मांग अधिक होने और आवक कम हो जाने से कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है।
बैठकों में अब नहीं होगा अधिकारियों के पदनामों का उल्लेख
हिमाचल प्रदेश, शिमला : हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों की बैठकों की कार्यवाही में अब अधिकारियों के नाम या पदनामों...
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