नई दिल्ली : बिजली एवं ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि बिजली उत्पादन क्षमता को जल्द ही गैर-जीवाश्म ईंधन पर केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2030 तक बिजली उत्पादन क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधन की हिस्सेदारी 65 प्रतिशत से अधिक होगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के हरित ऊर्जा पर आयोजित एक सम्मेलन में ऊर्जा मंत्री ने कहा भारत ने बिजली उत्पादन क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधन की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने का लक्ष्य तय किया है। 2030 तक 90 गीगावाट से अधिक सौर उपकरण निर्माण क्षमता होगी। वर्तमान में यह क्षमता 20 गीगावाट है। ऊर्जा मंत्री ने बताया लगभग 15-20 गीगावाट सौर उपकरण विनिर्माण क्षमता निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा भारत में उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 40 गीगावाट क्षमता वाले संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने उच्च दक्षता वाले सौर उपकरणों के विनिर्माण में बदलाव करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश में पहले ही 170 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता है, जबकि अन्य 80 गीगावॉट निर्माणाधीन है। देश की 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने की योजना है।
बैठकों में अब नहीं होगा अधिकारियों के पदनामों का उल्लेख
हिमाचल प्रदेश, शिमला : हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों की बैठकों की कार्यवाही में अब अधिकारियों के नाम या पदनामों...
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