नई दिल्ली : विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के सीमावर्ती इलाकों में शांति सामान्य संबंधों का आधार बनी हुई है। सेंटर फॉर कंटेम्पररी चाइना स्टडीज (सीसीसीएस) के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में शांति और धैर्य स्पष्ट रूप से सामान्य संबंधों का आधार बनी हुई है। समय-समय पर सीमाओं के समाधान के सवाल को शरारतपूर्ण तरीके से इसमें जोड़ा गया है। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि सच्चाई यह है कि साल 2020 में इसका उल्लंघन किया गया था। चीन की विदेश नीति और नए युग में अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा चीन के साथ ज्यादा संतुलित और स्थिर संबंध के लिए भारत के पास कई डोमेन और विकल्प हैं। विदेश मंत्री ने कोविड के बीच में 2020 के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि वे अब सीमा पर प्रभावी रूप से ध्यान केंद्र कर रहे हैं। पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा 2020 के बाद से नई दिल्ली और बीजिंग के बीच जीवन की राह को स्थापित करना आसान नहीं है। यह ऐसा पहलू है जिससे किनारा नहीं किया जा सकता और यह केवल आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित के आधार पर ही टिकाऊ हो सकता है।
बैठकों में अब नहीं होगा अधिकारियों के पदनामों का उल्लेख
हिमाचल प्रदेश, शिमला : हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों की बैठकों की कार्यवाही में अब अधिकारियों के नाम या पदनामों...
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