नई दिल्ली : उपभोक्ता मंत्रालय ग्राहकों की सहूलियत के लिए अगले वित्त वर्ष से नया नियम लागू करने जा रहा है। इसके तहत किसी पैकेट बंद उत्पाद पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के साथ कंपनियों को प्रति इकाई कीमत भी बतानी होगी।
उपभोक्ताओं को अभी चावल, आटा, बिस्कुट जैसे पैकेट बंद उत्पाद खरीदने पर उसकी प्रति इकाई कीमत का पता नहीं चल पाता। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगले साल अप्रैल से पैकेट बंद उत्पादों पर कंपनियों को अधिकतम खुदरा मूल्य के साथ उसकी प्रति इकाई कीमत भी बतानी होगी।
इससे पता चलेगा कि किसी कंपनी का उत्पाद अन्य कंपनी के मुकाबले सस्ता है अथवा महंगा। अभी ग्राहक अगर 3.5 किलोग्राम के आटे का पैकेट या 88 ग्राम के बिस्कुट का पैकेट खरीदता है, तो उसे सिर्फ अधिकतम खुदरा मूल्य ही लिखा मिलता है। नया नियम लागू होने के बाद कंपनियों को यह भी बताना होगा कि आटे का प्रति किलोग्राम या बिस्कुट की प्रति ग्राम क्या कीमत वसूली जा रही है।
इससे ग्राहकों को फैसला लेने में आसानी होगी l गौरतलब है कि सरकार इसके लिए पैकेट बंद उत्पाद के विधि नियम 2011 में संशोधन करने जा रही है। शुरुआत में इसके दायरे में 19 तरह की उत्पाद को शामिल किया जाएगा।