असम, गुवाहाटी: असम सरकार ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के वैश्विक अभियान में योगदान देने के उद्देश्य से गुवाहाटी में डीजल से चलने वाली सिटी बसों को बिजली और संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) से चलने वाली बसों से बदलने का फैसला किया। इसके लिए सरकार ने कुल 200 इलेक्ट्रिक बसें और 100 सीएनजी बसें खरीदने का फैसला किया है, जो असम राज्य परिवहन निगम (एएसटीसी) की डीजल से चलने वाली सिटी बसों की जगह लेंगी।
आज यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा यह घोषणा की। उन्होंने आगे कहा कि एएसटीसी सिटी बसें डीजल से चलने वाली सिटी बसों का संचालन बंद कर देंगी। हमारा लक्ष्य सरकार के 1 साल पूरे होने होने तक गुवाहाटी में डीजल से चलने वाली बसों को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों से बदलना है। उन्होंने कहा कि छह माह से एक साल के भीतर बदलने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बस चालक और बस में काम करने वाले व्यक्ति के लिए राहत पैकेज की भी घोषणा की, जो अंतर-जिला यात्रा पर प्रतिबंध की वजह से वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। 60 हजार बस चालकों और बस में काम करने वालों को आर्थिक सहायता के रूप में 10 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार एक पोर्टल तैयार करेगी, जिसमें चालक और काम करने वाले लोग लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगले 1 सितंबर से अंतर जिला प्रतिबंध उठा लिया जाएगा इसलिए सरकार उन्हें मुआवजे के रूप में यह एक मुश्त राशि प्रदान करेगी।
गौरतलब है कि इससे पहले कई बस चालकों और अन्य कर्मचारियों ने संशोधित कोविड-19 मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का विरोध किया। उनका कहना था कि सरकार के इस कदम से उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है। मुख्यमंत्री ने राज्य में मंदिर के पुजारियों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की। सभी पुजारियों को सरकार की ओर से 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। ठीक इसी तरह के दायरे में नामघर के नामघारिया को भी शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने फुटपाथ के दुकानदारों एवं कला कुशली के साथ-साथ टेंट हाउस एवं अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी जल्द ही आर्थिक पैकेज दिए जाने की बात कही।