नई दिल्ली/मुंबई: 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए अब विपक्ष लामबंद होता जा रहा है। खासकर जिस तरह से अलग-अलग राज्यों में नेताओं की एक दूसरे से मुलाकात ने सियासी पारा को गरमा दिया है।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की राष्ट्रवादी कांग्रेश पार्टी एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात इसी सुगबुगाहट को मजबूत आधार प्रदान करता है। बंगाल और तमिलनाडु विधानसभा चनाव के नतीजों ने विपक्ष को एक नया आधार दे दिया है। एनसीपी प्रमुख के घर पर तीन घंटों से अधिक चली बैठक से स्पष्ट हो गया है कि में अगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बातचीत हुई।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2024 में नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए विपक्ष खुद को तैयार कर रहा है। मोदी के खिलाफ एक मजबूत चेहरा उतारने के लिए भी विपक्षी दलों में मंथन चल रहा है।
प्रशांत किशोर ने कहा था कि पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद अब वे रणनीति कार्य की भूमिका नहीं निभाएंगे लेकिन ताजा घटनाक्रम से लगता है कि वह विपक्ष को मजबूत करने के लिए रणनीति को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।